प्रदेश के नैनीताल हाईकोर्ट में बुधवार यानि आज को कोरोना काल में स्कूल खोलने के मामले को लेकर सुनवाई होगी। ऐसी संभावना है कि आज इस मामले पर कोर्ट द्वारा कोई बड़ा निर्णय सुनाया जा सकता है। बता दें कि प्रदेश में बीती दो अगस्त से कक्षा नौ से 12वीं तक के स्कूल खुल चुके हैं।
कैबिनेट के निर्णय के खिलाफ दायर जनहित याचिका
नैनीताल हाईकोर्ट में 2 अगस्त से कक्षा 9 से 12 तक के विद्यालय खोले जाने के कैबिनेट के फैसले के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर आज बुधवार को सुनवाई होगी। बता दे की याचिका 29 जुलाई को दाखिल की गई थी , जबकि सरकार ने 31 जुलाई को एसओपी जारी की।
सरकार द्वरा आधी-अधूरी व्यवस्था एवं बिना प्लानिंग के कोरोना काल में विद्यालय खोल दिए गए।
हरिद्वार निवासी विजय पाल ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर करते हुए कहा है कि सरकार ने आधी-अधूरी तैयारी कर के व बिना प्लानिंग के कोरोना के महा दौर में स्कूल खोल दिए हैं। याचिका में कहा कि विशेषज्ञों ने कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर में बच्चों के प्रभावित होने की आशंका जताई है और तमाम अभिभावक भी आशंकित हैं।
उन्होंने कहा कि राज्य में वयस्कों के लिए ही स्वास्थ्य सेवाओं का अभाव है। बच्चों के लिए तो सुविधाओं का और भी अधिक बुरा हाल है। इस स्थति में सरकार वहीं पहाड़ी क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधाओं की बेहद कमी है। यदि ऐसे में बच्चे संक्रमित हो गए तो स्वास्थ्य सेवाओं की कमी के साथ -साथ अभिभावकों की कमजोर माली हालत से भी स्थितियां बिगड़ सकती है । याचिकाकर्ता ने सरकार के इस निर्णय पर शीग्र प्रभाव से रोक लगाने की मांग की थी।
हालाँकि कक्षा नौ से 12वीं तक के बच्चों के लिए सरकार ने स्कूल खोलने की अनुमति दे दी है। फिलहाल अभिभावक बच्चों को स्कूल भेजने को लेकर कतरा रहे हैं। इसके चलते स्कूल खुलने के दूसरे दिन भी बच्चों की उपस्थिति 50 फीसदी से भी कम रही।
राजधानी देहरादून जनपद के 223 स्कूलों में 34621 छात्र-छात्राएं पंजीकृत हैं। इनमें से दूसरे दिन कुल 14897 छात्र स्कूल में उपस्थित रहे।वहीं मुख्य शिक्षा अधिकारी ने बताया कि स्कूल न आने वाले बच्चों के लिए ऑनलाइन व्यवस्था से पढ़ाई कराने के निर्देश भी दिए गए हैं।