देहरादून: उत्तराखंड सरकार ने आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की लंबे समय से चली आ रही मांग पर सकारात्मक कदम उठाया है। प्रदेश में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की पदोन्नति नियमावली में संशोधन किया जाएगा। इस प्रस्ताव को जल्द ही कैबिनेट के समक्ष लाया जाएगा।
उत्तराखंड में वर्तमान में 20,000 से अधिक आंगनबाड़ी कार्यकर्ता कार्यरत हैं। वर्तमान नियमावली के अनुसार सुपरवाइजर पदों पर इनकी पदोन्नति के लिए 40 प्रतिशत कोटा तय है, जबकि 10 प्रतिशत कोटा मिनी आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के लिए सुरक्षित रखा गया था। बाकी के 50 प्रतिशत पद अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के माध्यम से सीधी भर्ती से भरे जाते थे।
50 प्रतिशत तक पदोन्नति का रास्ता साफ
हालांकि अब परिस्थितियाँ बदल चुकी हैं। केंद्र सरकार से मंजूरी मिलने के बाद प्रदेश की सभी 5120 मिनी आंगनबाड़ियां उच्चीकृत होकर नियमित आंगनबाड़ी केंद्रों में बदल गई हैं। ऐसे में मिनी आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के पद स्वतः समाप्त हो गए हैं। यही कारण है कि महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास मंत्री रेखा आर्या ने घोषणा की है कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की पदोन्नति नियमावली में संशोधन किया जाएगा। इस संशोधन के बाद सुपरवाइजर पदों पर 50 प्रतिशत तक पदोन्नति का रास्ता साफ हो जाएगा।
हजारों आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को मिलेगा सीधा लाभ
मंत्री रेखा आर्या ने बताया कि संशोधित नियमावली लागू होने के बाद प्रदेश में हर साल खाली पदों पर पदोन्नति की जाएगी। पहले जहां आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को सुपरवाइजर बनने के लिए 10 से 20 साल तक इंतजार करना पड़ता था, वहीं अब यह प्रक्रिया नियमित और वार्षिक आधार पर होगी। उन्होंने कहा कि सरकार का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ता केवल एक ही पद पर पूरी सेवा न बिताएं, बल्कि उन्हें कैरियर में आगे बढ़ने का अवसर भी मिले। इस योजना के तहत से प्रदेश की हजारों आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को सीधा लाभ मिलने की उम्मीद है। साथ ही, यह कदम महिला सशक्तीकरण और बाल विकास के क्षेत्र में सरकार की प्राथमिकता को भी दर्शाता है।









