देहरादून: उत्तराखंड सरकार ने लंबे समय से समान कार्य-समान वेतन की मांग कर रहे उपनल कर्मचारियों को बड़ी राहत दी है। मुख्यमंत्री के निर्देश पर शासन ने 12 वर्ष या उससे अधिक की निरंतर सेवा पूरी कर चुके UPNL कर्मचारियों के लिए आदेश जारी कर दिया है।
उत्तराखंड पूर्व सैनिक कल्याण निगम लिमिटेड (UPNL) के माध्यम से प्रदेश के विभिन्न सरकारी विभागों में कार्यरत लगभग 22,000 कर्मचारी पिछले 16 दिनों से हड़ताल पर थे। इन कर्मचारियों ने सरकार से मांग की थी कि उन्हें या तो नियमित किया जाए या समान काम करने पर नियमित कर्मचारियों के बराबर वेतनमान दिया जाए। बीते मंगलवार शाम को उपनल कर्मचारी प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मुलाकात की। सीएम धामी ने उनकी समस्याओं का संज्ञान लेते हुए आवश्यक कार्रवाई का आश्वासन दिया। सीएम ने कहा कि सरकार उपनल कर्मचारियों के हितों के प्रति प्रतिबद्ध है और उनके दीर्घकालिक हितों की रक्षा के लिए निरंतर निर्णय ले रही है। उन्होंने आश्वस्त किया कि कार्मिकों से जुड़े सभी मुद्दों पर सकारात्मक और संवेदनशील दृष्टिकोण अपनाया जाएगा। जिसके बाद देर रात शासन ने आदेश जारी कर दिया।
समान कार्य का समान वेतन
शासन द्वारा जारी आदेश के अनुसार उत्तराखंड सरकार के किसी भी विभाग, संस्था या इकाई में उपनल के माध्यम से तैनात “12 वर्ष या उससे अधिक की निरंतर सेवा पूरी कर चुके कर्मचारियों” को समान कार्य-समान वेतन के आधार पर न्यूनतम वेतनमान + महंगाई भत्ता दिया जाएगा। इसके अलावा, अन्य उपनल कर्मचारी जिन्होंने चरणबद्ध रूप से निरंतर सेवाएँ पूर्ण की हैं, उन्हें भी जल्द ही इसी सिद्धांत के अनुसार वेतन और महंगाई भत्ता देने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। शासन ने यह भी स्पष्ट किया कि इन निर्णयों के औपचारिक आदेश जल्द ही जारी किए जाएंगे, जिससे कार्मिकों को समयबद्ध लाभ मिल सके।
16 दिन से चल रहा आंदोलन स्थगित
संयोजक विनोद गोदियाल ने बताया कि समान काम के लिए समान वेतन पर आदेश जारी होने के बाद 16 दिन से चल रहा आंदोलन स्थगित किया जा रहा है।” शासनादेश जारी होने के बाद उपनल कर्मचारी संयुक्त मोर्चा ने अपना आंदोलन समाप्त करने की घोषणा कर दी।









