देहरादून: प्रेमनगर थाना क्षेत्र में उत्तराखंड धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम के तहत दर्ज बहुचर्चित छांगुर धर्मांतरण मामले में बड़ी कार्रवाई हुई है। मंगलवार को कोर्ट के आदेश पर पांचों आरोपियों को जिला कारागार आगरा से लाकर देहरादून न्यायालय में पेश किया गया, जहां साक्ष्यों के आधार पर सभी को न्यायिक अभिरक्षा में भेज दिया गया।
जानकारी के अनुसार उत्तरप्रदेश के बरेली निवासी एक युवक ने थाना प्रेमनगर, देहरादून में शिकायत दर्ज कराई थी कि उसकी छोटी बहन आगरा पुलिस द्वारा धर्मांतरण के मामले में गिरफ्तार किए गए आरोपियों के संपर्क में थी। उन लोलोगों ने उसकी बहन का ब्रेनवॉश कर उसे इस्लाम धर्म अपनाने के लिए प्रेरित किया, साथ ही वे अन्य हिंदू युवक-युवतियों को भी धर्म परिवर्तन के लिए उकसाने की योजना बना रहे थे। पुलिस ने इस शिकायत के आधार पर उत्तराखंड धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज कर मामले की जांच शुरू की है।
आर्थिक सहायता का देते थे प्रलोभन
जांच के दौरान खुलासा हुआ कि पीड़ित युवती की पहचान फेसबुक पर कृष्णा उर्फ आयशा नाम की महिला से हुई थी। आरोप है कि आयशा और उसके सहयोगियों—अब्दुल रहमान, उसका पुत्र अब्दुल रहीम और अब्दुल्ला ने युवती को लालच व प्रलोभन देकर धर्म परिवर्तन के लिए मजबूर किया। युवती के बैंक खाते में पैसे ट्रांसफर कर आर्थिक सहायता देने का भी प्रयास किया गया। जांच में यह भी सामने आया कि आरोपी अब्दुल रहमान ने युवती को सहसपुर निवासी अब्दुर रहमान से मिलवाया और उस पर रानीपोखरी क्षेत्र की एक अन्य महिला को भी धर्म परिवर्तन के लिए उकसाने का दबाव बनाया। सभी आरोपियों को आगरा पुलिस पहले ही धर्मांतरण से जुड़े एक अलग मामले में गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी थी।
देहरादून न्यायालय की कस्टडी में आरोपी
मामले की विवेचना कर रही देहरादून पुलिस ने न्यायालय में प्रार्थना पत्र दाखिल कर सभी आरोपियों को वारंट बी के तहत तलब करने की मांग की। कोर्ट के आदेश पर आगरा पुलिस ने पांचों आरोपियों को जिला कारागार आगरा से निकालकर देहरादून न्यायालय में पेश किया। देहरादून न्यायालय में पेश करने के बाद पांचों आरोपियों को जेल भेज दिया गया।
गिरफ्तार आरोपियों की पहचान
अब्दुल रहमान उर्फ महेंद्र पाल सिंह, निवासी नगर, दिल्ली
एसवी कृष्णा उर्फ आयशा माहेनूर, निवासी गोवा
अब्दुर रहमान उर्फ रूपेंद्र सिंह, निवासी देहरादून
अब्दुल रहीम, निवासी दिल्ली
अब्दुल्ला, निवासी दिल्ली
एसएसपी अजय सिंह ने बताया कि अदालत में प्रस्तुत साक्ष्यों के आधार पर पांचों आरोपियों को न्यायिक अभिरक्षा में भेज दिया गया है। मामले की आगे की जांच संवेदनशीलता के साथ जारी है और धर्मांतरण की पूरी साजिश का पर्दाफाश करने के लिए विशेष टीम गठित की गई है।









