उत्तराखंड के चीन सीमा से सटे और उच्च हिमालयी क्षेत्र के आठ गांवों और सीमा सुरक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही आइटीबीपी की 43 आउटपोस्ट का अंधेरा शीघ्र छंटने जा रहा है।
सीमांत के इन प्रहरियों के क्षेत्र बिजली से रोशन होंगे। इन क्षेत्रों में ग्रिड से बिजली पहुंचाई जाएगी। केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय ने वाइब्रेंट योजना में सम्मिलित इन समस्त गांवों और आइटीबीपी आउटपोस्ट तक ग्रिड से बिजली पहुंचाने के लिए 12.97 करोड़ की राशि स्वीकृत की है।
प्रदेश में चीन सीमा से सटे 51 गांव वाइब्रेंट विलेज योजना में लिए गए हैं। उच्च हिमालय के ये गांव सीमा सुरक्षा में बड़ी भूमिका निभा रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी इन्हें प्रथम गांव का संबोधन दे चुके हैं। अब तैयारी ये की जा रही है कि इन गांवों की आर्थिक व
सामाजिक विषमताओं को दूर कर विकास की मुख्यधारा में लाया जाए। लंबे समय से उपेक्षित ये गांव पलायन का शिकार भी हुए हैं। केंद्र के साथ ही प्रदेश की सरकार गांवों में पलायन वापसी को केंद्र में रखकर योजनाएं संचालित कर रही हैं।
केंद्र सरकार ने इन सभी गांवों में ग्रिड के माध्यम से बिजली पहुंचाने का लक्ष्य रखा है। यद्यपि, इस योजना में अब आंशिक संशोधन किया गया है। इसके अनुसार अब ऐसे गांव जिनमें प्रति परिवार ग्रिड से बिजली पहुंचाने में 2.75 लाख से अधिक खर्च आ रहा है, उन्हें सौर ऊर्जा के माध्यम से ऊर्जीकृत यानी बिजली पहुंचाई जाएगी।
इन गांवों की संख्या लगभग 11 है। इसके लिए केंद्रीय नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय को जिम्मेदारी सौंपी गई है। वर्ष 2019 में सौभाग्य योजना के अंतर्गत लगभग 14 वाइब्रेंट विलेज को पहले ही ग्रिड से जोड़ा जा चुका है।
प्रदेश में अब आठ गांवों के 882 परिवारों तक ग्रिड के माध्यम से विद्युत आपूर्ति की जानी है। इस पर 12.97 करोड़ की लागत आएगी। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर ऊर्जा प्रमुख सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम ने इन सभी गांवों को ग्रिड से जोड़ने के लिए उत्तराखंड ऊर्जा निगम को प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजने के निर्देश दिए थे।
केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय ने इस प्रस्ताव को स्वीकृति मिलने के बाद यह कार्य आवंटित किया जा चुका है। ऊर्जा निगम के प्रबंध निदेशक अनिल कुमार ने बताया कि आइटीबीपी की 43 आउटपोस्ट एवं आठ गांवों को ग्रिड से बिजली आपूर्ति के लिए चार सबस्टेशन बनाए जाएंगे। इन सबस्टेशन के लिए भूमि आइटीबीपी उपलब्ध कराएगी। आइटीबीपी को भूमि शीघ्र उपलब्ध कराने को कहा गया है।
वाइब्रेंट विलेज योजना में अब नेपाल सीमा से सटे 40 गांवों को भी लिया गया है। इन गांवों में ग्रिड से बिजली उपलब्ध कराने के संबंध में सर्वे कराया जा रहा है। ये गांव मुख्य रुप से ऊधम सिंह नगर जिले एवं पिथौरागढ़ जिले में हैं। सर्वे रिपोर्ट मिलने के बाद इन गांवों के लिए डिटेल्ड प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार की जाएगी। इसे केंद्र सरकार को भेजा जाएगा।
चमोली जिले में नीति में 12, माणा में चार और उत्तरकाशी में 10 आउटपोस्ट। पिथौरागढ़ जिले में जोहार घाटी में पांच, दारमा घाटी में तीन और व्यास घाटी में नौ आउटपोस्ट।
ग्रिड से जोड़े जाने वाले ये हैं आठ वाइब्रेंट विलेज
उत्तरकाशी में एक गांव पुराली, जिसके पांच तोक हैं। पिथौरागढ़ जिले में दारमा घाटी के तीन और व्यास घाटी के चार गांव।