
देहरादून: उत्तराखंड में अवैध शराब के कारोबार में महिलाओं अभियुक्तों की भी भागीदारी बढ़ रही हैं। इन अभियुक्तों पर नकेल कसने के लिए आबकारी विभाग ने ‘स्पेशल-98’ को महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी है। ये स्पेशल-98 प्रदेश की नौजवान महिलाएं हैं, जिनको ज्वाइनिंग की शुरुआत में ही फील्ड ड्यूटी की जिम्मेदारी दे दी गई है।
उत्तराखंड में इन दिनों पंचायत चुनाव की तैयारियां जोरों पर हैं, इस दौरान अवैध शराब की तस्करी में वृद्धि की संभावना जताई जा रही है। ऐसे में आबकारी विभाग ने ‘स्पेशल-98’ की फोर्स को महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी है। इस ‘स्पेशल-98’ में प्रदेश की प्रदेश की नौजवान महिलाएं शामिल हैं। पंचायत चुनाव के दौरान उत्तराखंड की सभी संवेदनशील चेक पोस्टों पर नवनियुक्त महिला कर्मियों को तैनात किया गया है। उत्तराखंड में यह पहली बार हो रहा है जब विभाग में इतनी बड़ी संख्या में महिला कर्मियों को एक साथ नियुक्ति दी गई है। इस काम के लिए 97 सिपाहियों का चयन किया गया है, जिनमें 84 महिलाएं हैं और युवकों की संख्या केवल 13 है। इसके अलावा, 14 अन्य महिला उप निरीक्षकों का भी इस स्पेशल फोर्स में चयन किया गया है।
नारी शक्ति से सुसज्जित हुआ आबकारी विभाग
आबकारी विभाग के पास इससे पहले उप निरीक्षक और सिपाही पदों पर केवल 35 महिला कर्मी कार्यरत थीं। लेकिन अब इनकी संख्या बढ़कर 130 हो गई है। महिला कर्मियों की नई नियुक्तियों के साथ अब आबकारी विभाग नारी शक्ति से सुसज्जित हो गया है। विभाग ने आशा व्यक्त की है कि इन महिला कर्मियों की नियुक्ति से उत्तराखंड में अवैध शराब के कारोबार पर नियंत्रण पाने में काफी सहायता मिलेगी और अवैध शराब के मामलों में तलाशी अभियान और पूछताछ बेहतर ढंग से हो पाएगी। विभागीय सूत्रों के अनुसार, पहले दुर्गम और संवेदनशील क्षेत्रों में महिला सिपाहियों को भेजने से परहेज किया जाता था, लेकिन नई नियुक्तियों के बाद अब दुर्गम क्षेत्रों में भी महिला सिपाहियों की तैनाती की गई है।
अवैध शराब का धंधे करती महिलायें भी निशाने पर
आबकारी विभाग की महिला आयुक्त अनुराधा पाल ने बताया कि वे इन सभी युवतियों को नई उम्र में जोश से भरी हुई मानती हैं। उन्होंने उस बैरियर को तोड़ दिया है जिसमें यह माना जाता था कि आबकारी में महिलाओं का कोई स्थान नहीं है। इन सभी नई महिला उप निरीक्षक और सिपाहियों को प्रारंभ में प्रवर्तन कार्यों के तहत चेक पोस्ट पर तैनात किया गया है। इन महिलाओं की प्रारंभिक पोस्टिंग के कारण यह सुनिश्चित किया गया है कि उनकी ड्यूटी का स्थान घर से बहुत दूर न हो। उत्तराखंड में अवैध शराब के धंधे में कई महिला अभियुक्त भी पकड़ी जा रही हैं, ऐसे में इन महिला कर्मियों की नियुक्ति से सूचना तंत्र में भी सुधार होने की नई उम्मीद जगी है।