चमोली: उत्तराखंड के पर्वतीय जिलों विशेषकर चमोली, उत्तरकाशी और पिथौरागढ़ जिलों में आए दिन भूकंप के झटके महसूस किए जाते हैं। भूकंप के संदर्भ में उत्तराखंड को सिस्मिक जोन 4 और 5 में वर्गीकृत किया गया है। प्रदेश में बीते 1 महीने के भीतर चार बार भूकंप के झटके महसूस किए जा चुके हैं। बीते शुक्रवार को देर रात चमोली जिले में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए, जिससे आधी रात को लोग घरों से बाहर भाग गए।
बीते शुक्रवार को देर रात 2:44 बजे चमोली जनपद में भूकंप के हल्के झटके महसूस किए गए। भूकंप के झटके महसूस होते ही लोग अपने घरों से बाहर भागने लगे। हालांकि भूकंप से किसी को जान या माल ही हानि नहीं पहुंची है। भूकंप का केंद्र जोशीमठ के पास जमीन से पांच किलोमीटर नीचे गहराई में था और रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 3.3 मापी गई है। चमोली जिले में भूकंप से किसी प्रकार के नुकसान की सूचना नहीं मिली है। लेकिन प्रदेश में बार-बार भूकंप के झटके महसूस होने के कारण लोग चिंतित हैं।
3.2 मापी गई तीव्रता
बीते 8 जुलाई को उत्तरकाशी जिले में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए। आपदा कंट्रोल रूम ने बताया कि इस भूकंप का केंद्र तहसील मोरी क्षेत्र के ग्राम जखोल के जंगलों में जमीन से पांच किलोमीटर नीचे गहराई में था। रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 3.2 मापी गई है। भूकंप के दौरान कुछ देर तक झटके महसूस किए गए। उससे पहले 6 जुलाई को शाम 4:41 बजे अल्मोड़ा जिले में 3.4 मेग्नीट्यूड का भूकंप आया था। वहीं चमोली जिले में बीते 15 दिनों के भीतर दूसरी बार भूकंप के झटके महसूस हुए हैं। आपको बता दें कि चमोली जिले में साल 1999 में 6.6 मैग्नीट्यूड का भूकंप आया था, जिसमें कई लोगों की जान चली गई थी।
उत्तराखंड में बड़े भूकंप की संभावना
वैज्ञानिकों के अनुसार, उत्तराखंड में पिछले 500 वर्षों में कोई बड़ा भूकंप नहीं आया है। लेकिन वर्तमान में उत्तराखंड में बड़े भूकंप की संभावना बनी हुई है, खासकर हिमालयी क्षेत्र में, क्योंकि यहां टेक्टोनिक प्लेटों में ऊर्जा जमा हो रही है। वैज्ञानिकों का कहना है कि यह ऊर्जा छोटे-छोटे भूकंपों के रूप में महसूस की जा रही है, जो बड़े भूकंप का संकेत हो सकता है।