गढ़वाल: साल के इस समय क्यों बढ़ता है भालुओं का आतंक, सांसद बलूनी ने केंद्र से की अध्ययन की मांग

देहरादून: उत्तराखंड के गढ़वाल क्षेत्र में गुलदार (तेंदुआ) के बाद अब भालू के लगातार बढ़ रहे हमलों ने स्थानीय निवासियों का जीना मुश्किल कर दिया है। गांवों में लोग भालुओं की बढ़ती गतिविधियों से दहशत में हैं।

उत्तराखंड के गढ़वाल क्षेत्र में हर साल के आखिरी महीनों में भालुओं का आतंक बढ़ जाता है। भालुओं के हमलों से भारी संख्या में जनहानि होती है। इस साल पिछले कुछ समय आए दिन भालुओं के हमलों की खबरें सामने आ रही हैं। स्थानीय लोग भालुओं की बढ़ती गतिविधियों से दहशत में हैं। उत्तराखंड के गढ़वाल क्षेत्र में भालुओं के बढ़ते संकट को देखते हुए भाजपा के राष्ट्रीय मीडिया प्रमुख और उत्तराखंड से राज्यसभा सांसद अनिल बलूनी ने दिल्ली में केंद्रीय नेतृत्व से तुरंत सहयोग की अपील की है।

व्यापक अध्ययन की मांग

राज्यसभा सांसद अनिल बलूनी ने केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव से मुलाकात के दौरान उत्तराखंड में बढ़ रही मानव-वन्यजीव संघर्ष की समस्या पर विस्तृत चर्चा की। बलूनी ने अनुरोध किया कि भारतीय वन्यजीव संस्थान (WII), देहरादून और अन्य विशेषज्ञ संस्थानों के माध्यम से इस मुद्दे पर एक व्यापक अध्ययन कराया जाए।

वन्यजीव हमलों में चिंताजनक वृद्धि

अनिल बलूनी ने केंद्रीय मंत्री को बताया कि जब तक समस्या के वास्तविक कारणों को वैज्ञानिक ढंग से नहीं समझा जाएगा, तब तक प्रभावी समाधान निकालना मुश्किल होगा। पिछले कुछ सप्ताहों से गढ़वाल सहित कई पर्वतीय क्षेत्रों में वन्यजीव हमलों में चिंताजनक वृद्धि दर्ज की गई है। विशेषकर भालुओं के हमलों में पहली बार इतनी बड़ी बढ़ोतरी देखी जा रही है, जो बेहद गंभीर और असामान्य स्थिति है। इन घटनाओं में कई लोग घायल हुए हैं, जबकि कुछ की जान भी जा चुकी है।

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