हल्द्वानी: उत्तराखंड के हल्द्वानी स्थित बनभूलपुरा क्षेत्र में रेलवे की भूमि पर हुए अतिक्रमण को लेकर आज सुप्रीम कोर्ट महत्वपूर्ण फैसला सुना सकता है। संभावित निर्णय से पहले जिला प्रशासन ने सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी है और क्षेत्र को छावनी में तब्दील कर दिया गया है। दोपहर बाद सुप्रीम कोर्ट द्वारा इस बहुचर्चित मामले पर फैसला आने की संभावना है।
नैनीताल जिले के इस संवेदनशील इलाके में प्रशासन ने पुलिस बल और पीएसी की अतिरिक्त तैनाती की है। शहर में कई स्थानों पर रूट डायवर्जन लागू किए गए हैं ताकि किसी भी संभावित स्थिति से निपटा जा सके। सुरक्षा निगरानी के लिए 7 ड्रोन कैमरों की मदद ली जा रही है। सोमवार को पुलिस ने कार्रवाई करते हुए 21 उपद्रवियों को गिरफ्तार किया था, जबकि 121 लोगों के खिलाफ निरोधात्मक कार्रवाई की गई थी। मंगलवार सुबह भी पुलिस ने कुछ संदिग्ध एवं अराजकतत्वों को हिरासत में लिया है। SSP ने सख्त चेतावनी देते हुए कहा है कि यदि किसी ने दंगा भड़काने की कोशिश की या वातावरण बिगाड़ने की साजिश रची, तो सीधे जेल भेजा जाएगा। साथ ही सोशल मीडिया पर फैल रही अफवाहों पर भी पुलिस की कड़ी निगरानी है।
रेलवे भूमि से अतिक्रमण हटाने के आदेश
दरअसल साल 2023 में नैनीताल हाईकोर्ट ने एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए रेलवे भूमि से अतिक्रमण हटाने के आदेश दिए थे। इसके बाद रेलवे और जिला प्रशासन ने संयुक्त रूप से अतिक्रमण हटाने की प्रक्रिया शुरू की थी। लेकिन स्थानीय विरोध और प्रभावित लोगों द्वारा सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल करने के बाद कार्रवाई रोक दी गई थी। तब से यह मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित है और आज इस पर बड़ा फैसला आ सकता है। सुप्रीम कोर्ट के सामने प्रस्तुत विवरण के अनुसार, बनभूलपुरा क्षेत्र की लगभग 30 हेक्टेयर रेलवे भूमि पर अवैध निर्माण किए गए हैं। यहाँ लगभग 3,660 पक्के मकान बने हुए हैं और 5,000 से अधिक परिवार रहते हैं। अनुमान है कि प्रभावित क्षेत्र में करीब 50,000 की आबादी निवास करती है।
पिछले साल हुआ था भारी उपद्रव
गौरतलब है कि बीते साल यानि 8 फरवरी 2024 को जब रेलवे भूमि पर अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई शुरू की गई थी, तो क्षेत्र में भारी उपद्रव हुआ था। हिंसा के दौरान कई लोगों की मौत हुई थी और अनेक लोग घायल हुए थे। उपद्रवियों ने स्थानीय थाना तक जला दिया था। उस घटना से जुड़े मुकदमे अब भी कोर्ट में लंबित हैं।बनभूलपुरा में रेलवे भूमि पर अतिक्रमण हटाने के मामले में बीते सालों की पृष्ठभूमि को देखते हुए पुलिस प्रशासन इस बार किसी भी परिस्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार रहने का दावा कर रहा है। बीते सोमवार 1 दिसम्बर को आरपीएफ और जिला पुलिस ने पूरे क्षेत्र में फ्लैग मार्च किया। प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे किसी भी तरह की अफवाह पर ध्यान न दें और सुप्रीम कोर्ट के आने वाले फैसले का शांतिपूर्वक सम्मान करें।