देहरादून: चारधाम यात्रा के लिए ग्रीन कार्ड बनाने का इंतज़ार अब खत्म हो गया है। अब चार धाम यात्रा के लिए ग्रीन कार्ड बनाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है, वाहन स्वामी अब आवदेन कर सकते हैं। बाहर से आए श्रद्धालुओं के वाहनों के साथ ही गढ़वाल मंडल में आने वाले पर्यटकों के वाहनों को भी ग्रीन-कार्ड बनवाना होगा।
आगामी 30 अप्रैल से शुरू होने वाली चारधाम यात्रा की तैयारियाँ जोरों-शोरों पर है। अब चारधाम यात्रा के लिए व्यावसायिक वाहनों को परिवहन विभाग द्वारा ग्रीन कार्ड को अनिवार्य कर दिया गया है। बिना इसके यात्रा करना संभव नहीं है। इसलिए वाहन चालकों को ग्रीन कार्ड के लिए आवेदन करना होगा, जो 10 अप्रैल से शुरू हो गया है। परिवहन विभाग द्वारा पहले ग्रीन-कार्ड बनाने की तिथि 2 अप्रैल तय की गई थी, लेकिन सॉफ़्टवेयर में तकनीकी समस्याओं के कारण यह प्रक्रिया समय पर शुरू नहीं हो सकी। लेकिन आज से ग्रीन कार्ड बनाने की प्रक्रिया शुरू की जा चुकी है। अन्य राज्यों के 12 सीट से अधिक श्रेणी के वाहनों का ग्रीन-कार्ड केवल 15 दिन का बनेगा, जबकि उत्तराखंड के वाहनों का ग्रीन-कार्ड हर बार की तरह पूरे छह माह के लिए वैध रहेगा।
मर्शियल वाहनों के लिए ग्रीन कार्ड
चारधाम यात्रा के दौरान बड़ी संख्या में श्रद्धालु कमर्शियल वाहनों के जरिए धामों तक पहुंचते हैं। ऐसे में श्रद्धालुओं की सुरक्षा को देखते हुए शासन कमर्शियल वाहनों के लिए ग्रीन कार्ड जारी करता है। जिससे वाहन संबंधी सभी जानकारियां शासन के पास उपलब्ध होती है। ग्रीन कार्ड बनाने के लिए सबसे पहले वाहन स्वामियों को अपने वाहन को परिवहन कार्यालय ले जाना है जहां वाहनों की भौतिक जांच होगी।
आवेदन के लिए वेबसाइट
वाहनों की भौतिक जांच में मुख्य रूप से इन चीज़ों को देखा जाता है जैसे :- वाहन के टायर कटे-फटे या ज्यादा घिसे हुए न हों, वाहन के सभी सर्टिफिकेट वैधता में हों, वाहन में फसर्ट एड बॉक्स, जीपीएस सिस्टम, लकड़ी या लोहे का गुटका, कूड़ादान या वॉमेटिंग बैग ये सभी चीज़ें होना अनिवार्य है। जिसके बाद ही परिवहन विभाग ग्रीन कार्ड के लिए आवेदन करने पर सहमति प्रदान करना है। सभी परीक्षणों पर खरा उतरने के बाद व्यावसायिक वाहन स्वामी को greencard.uk.gov.in वेबसाइट पर जाकर आवेदन कर ग्रीन कार्ड प्रदान कर दिया जाता है।