150 बीघा अवैध प्लॉटिंग ध्वस्त” एक दर्जन से अधिक इमारतें सील

मसूरी–देहरादून विकास प्राधिकरण (एमडीडीए) की कमान संभालने के बाद उपाध्यक्ष बंशीधर तिवारी ने विभाग की कार्यशैली में नया जोश भर दिया है। अब प्राधिकरण केवल नोटिस देने तक सीमित नहीं है, बल्कि ज़मीनी स्तर पर उतरकर अवैध प्लॉटिंग और नियम विरुद्ध निर्माण पर सीधे कार्रवाई कर रहा है। बीते एक माह के भीतर 150 बीघा अवैध प्लॉटिंग ध्वस्त करना और एक दर्जन से अधिक बहुमंजिला इमारतों को सील करना एमडीडीए के इतिहास की सबसे बड़ी कार्यवाही मानी जा रही है। बंशीधर तिवारी के नेतृत्व में प्राधिकरण ने न केवल “जीरो टॉलरेंस” नीति अपनाई है बल्कि आम जनता को भी जागरूक करने का अभियान तेज किया है ताकि कोई भू–माफ़िया लोगों को झांसे में न ले सके।

उपाध्यक्ष बंशीधर तिवारी का कहना है कि उत्तराखंड की प्राकृतिक सुंदरता और योजनाबद्ध विकास को बचाने के लिए सख़्त फ़ैसले लेना ही समय की माँग है। उनकी पहल से एमडीडीए अब हर शनिवार औचक निरीक्षण और ध्वस्तीकरण अभियान चलाकर अवैध निर्माण पर नकेल कस रहा है। इस रणनीति ने माफ़ियाओं के हौसले पस्त कर दिए हैं और स्थानीय लोगों में भरोसा पैदा किया है कि सरकार वास्तव में नियोजित और सुरक्षित विकास के लिए प्रतिबद्ध है।

एक माह में 150 बीघा अवैध प्लॉटिंग ध्वस्त
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के सख्त निर्देशों पर उपाध्यक्ष बंशीधर तिवारी की अगुवाई में मसूरी–देहरादून विकास प्राधिकरण (एमडीडीए) ने अवैध प्लॉटिंग और नियमविरुद्ध निर्माण के खिलाफ अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया। पिछले एक माह में ही प्राधिकरण ने 150 बीघा अवैध प्लॉटिंग ध्वस्त कर दी और ऋषिकेश सहित विभिन्न स्थानों पर एक दर्जन से अधिक बहुमंजिला इमारतों समेत दर्जनों निर्माणों को सील कर दिया। बंशीधर तिवारी का कहना है “यह संदेश पूरे प्रदेश के लिए है कि उत्तराखंड अब अवैध प्लॉटिंग और नियम विरुद्ध निर्माण के खिलाफ पूरी तरह एक्शन मोड में है।”

कहाँ-कहाँ चली बड़ी कार्रवाई
डोईवाला के झाबरावाला में 18 बीघा, रानीपोखरी के डांडी गाँव में 10–12 बीघा, भानियावाला के बक्सारवाला में 25 बीघा और देहरादून के हरिद्वार रोड (साईं मंदिर के निकट) में 40 बीघा अवैध प्लॉटिंग को ध्वस्त किया गया। शीशमबाड़ा क्षेत्र में 10 बीघा और रूपनगर बद्रीपुर में 5 बीघा अवैध प्लॉटिंग भी गिराई गई। माजरी ग्रांट, हरिद्वार रोड, नेहरू कॉलोनी, सहस्त्रधारा रोड और शिमला बाईपास हिंदुवाला क्षेत्र में कई अवैध निर्माणों पर सीलिंग की कार्रवाई की गई। सबसे बड़ी कार्रवाई ऋषिकेश में हुई, जहाँ निर्मल बाग, वीरभद्र रोड, गली नंबर 10–11, कोयल ग्रांट और प्राधिकरण क्षेत्र के अन्य हिस्सों में एक दर्जन से अधिक बहुमंजिला इमारतों को सील किया गया।

जीरो टॉलरेंस की नीति
एमडीडीए उपाध्यक्ष बंशीधर तिवारी ने कहा “मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की मंशा स्पष्ट है। प्रदेश में अवैध प्लॉटिंग और नियम विरुद्ध निर्माण किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं होंगे। आज की कार्रवाई आख़िरी कदम नहीं है, यह सिलसिला लगातार जारी रहेगा।”

आम जनता को जागरूक करने का अभियान
प्राधिकरण लगातार लोगों को चेतावनी दे रहा है कि भू-माफ़ियाओं के झांसे में न आएँ। किसी भी प्लॉट या निर्माण की वैधता की पुष्टि प्राधिकरण से अवश्य करें। बिना अनुमति की प्लॉटिंग या निर्माण भविष्य में न केवल आर्थिक नुकसान बल्कि कानूनी संकट भी खड़ा कर सकते हैं।

सख़्ती का प्रतीक बना बुलडोज़र
बुलडोज़र और पुलिस बल की मौजूदगी में हुई इन कार्रवाइयों ने अवैध निर्माण और प्लॉटिंग माफ़ियाओं को कड़ा संदेश दिया। स्थानीय लोग मानते हैं कि सरकार का यह कदम सही दिशा में है, क्योंकि अवैध गतिविधियों से बुनियादी ढाँचा और संसाधन बुरी तरह प्रभावित हो रहे थे।

सहस्त्रधारा रोड, एकता विहार और वन विहार में सीलिंग
प्राधिकरण क्षेत्रान्तर्गत सहस्त्रधारा रोड, एकता विहार कैलाशपुर, वन विहार आदि विभिन्न स्थानों पर किए जा रहे अवैध व्यवसायिक/आवासीय भवनों पर सीलिंग की गई। एमडीडीए की टीमों ने सौन्धोवाली, हैलीपैड रोड, गंगोत्री विहार वेस्ट कैनाल रोड, एकता विहार और वन विहार के अवैध निर्माण सील किए। इन कार्रवाइयों में सहायक अभियंता शैलेन्द्र सिंह रावत व उनकी टीम, सहायक अभियंता विजय सिंह रावत, अवर अभियंता जितेंद्र सिंह और सुपरवाइजर मौके पर मौजूद रहे।

आगामी अभियान की रूपरेखा
एमडीडीए ने हर शनिवार विशेष टास्क फ़ोर्स द्वारा औचक निरीक्षण और कार्रवाई का कार्यक्रम तय किया है। 20 सितंबर को पछवादून (डाकपत्थर, विकासनगर, हरबर्टपुर) और 27 सितंबर को सहसपुर, भाऊवाला, सेलाकुई में टीम तैनात की जाएगी। हर टीम को कम से कम 10 अवैध निर्माण सील/ध्वस्त करने का लक्ष्य दिया गया है। उपाध्यक्ष बंशीधर तिवारी ने कहा “मसूरी–देहरादून विकास प्राधिकरण में अवैध निर्माण को किसी भी परिस्थिति में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। नियमानुसार विकास ही हमारी प्राथमिकता है। जनता से भी अपील है कि वह नियमों के अनुरूप ही निर्माण कार्य करें।”

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