मानसून की दस्तक देते ही उफनती नदियां इतना रौद्र रूप दिखाएगी शायद ही किसे ये सोचा हो।लेकिन हालत कुछ इस तरह के है लगातार वर्षा होने के कारण पर्वतीय क्षेत्रों की मुश्किलें कई ज्यादा बढ़ चुकी हैं और वे डर के साए में जीने को मजबूर हैं। बता दे की पिथौरागढ़ में पुनः एक बारफिर से आपदा जैसे हालात पैदा हो उठे हैं। आफत की इस बारिश से लोग परेशान हैं। भारत और नेपाल को बांटने वाली काली नदी अब खतरे के निशान से भी ऊपर बह रही है, जिसके चलते लोग दहशत में आ चुके हैं। लोगों को फिर से अनहोनी का डर सताने लगा है।इस खतरे को मध्यनजर रखते हुए जिलाधिकारी ने पूरे जिले में अलर्ट जारी कर दिया है। साथ ही डीएम आनंद स्वरूप ने नदी आस पास रह रहे लोगों से सुरक्षित स्थानों पर जाने की अपील की। नदी के किनारे जिन जिन गांवों एवं भवनों को खतरा हो सकता है, तथा वहां रह रहे लोगों को तत्काल सुरक्षित स्थानों में पहुंचाने के भी निर्देश दे दिए गए हैं। प्रशासन द्वारा नदी के किनारे और पुलों पर आवाजाही को प्रतिबंधित कर दिया है।बता दे की शुक्रवार को यहां काली नदी का जलस्तर चेतावनी स्तर 889.00 मीटर से भी ऊपर 889.60 मीटर तक पहुंच गया था ।इस उफनती काली नदी का रौद्र रूप देखकर लोगों में दहशत है । पिथौरागढ़ से नेपाल की तरफ बह रही काली नदी का जल स्तर बढ़ने से नेपाल के कई क्षेत्रों में भी बाढ़ जैसे स्थिति पैदा हो गए हैं। प्रकृति के इस रौद्ररूप को देख कर आपदा का डर सताने लगा है।
rachna rawat