अल्मोड़ा के दन्या गावं का बहुचर्चित भुवन जोशी हत्याकांड प्रकरण में कोर्ट ने चार हत्या कांड के आरोपियों की जमानत याचिका को खारिज कर दिया है । सुनवाई के दौरान कोर्ट ने आरोपियों के कृत्य को जघन्य अपराध बताते हुए ठोस दलील दी। कोर्ट में शासकीय अधिवक्ता ने कहा कि भुवन की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में सिर में गंभीर चोट से मौत के कारणों का खुलासा हुआ था। अभियुक्तों ने जानबूझ कर मारपीट और हत्या जैसा घोर जघन्य अपराध किया। वकील ने आरोपियों की जमानत अर्जी का पुरजोर विरोध किया। साथ ही ये भी कहा कि रिहा किए जाने पर हत्या कांड के आरोपी फरार हो सकते हैं, या सबूतों से छेड़छाड़ कर सकते हैं। वहीं दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के पश्चात कोर्ट ने चारों आरोपियों की जमानत याचिका को खारिज कर दिया । आपको इस हत्या कांड से अवगत करते है जिसने पूरे पहाड़ और देश को हिलाकर रख दिया था इस कांड को शायद ही कोई भूल पाया होगा। भुवन जोशी हत्याकांड 28 अप्रैल को हुआ ।अल्मोड़ा जिले के दन्या क्षेत्र में रहने वाले भुवन चंद्र जोशी की आरासल्पड़ गांव के ग्रामीण लोगों ने मारपीट के बाद एकराय हो कर उसकी
बेरहमी से हत्या कर दी थी। इस हत्या प्रकरण में भुवन के भाई गोविंद जोशी ने आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। उसने बताया कि घटना वाले दिन उसका भाई एक लड़की के बुलाने पर अपने दोस्त कैलाश सिंह डसीना और ललित सिंह बिष्ट के साथ आरासल्पड़ गया था। जहां आरोपी पूरन चंद्र पांडे, शिवदत्त पांडे, बसंत बल्लभ पांडे और हरिश चंद्र पांडे समेत 8-10 लोगों ने भुवन को बेरहमी से पीटा । अगले दिन 29 अप्रैल को भुवन को धौलादेवी के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया। जहां उसकी मौत हो गई। इस पूरे घटना क्रम का वीडियो भी सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुआ था। जिसके बाद चश्मदीद गवाहों ने आरोपियों की पहचान की थी। फिलहाल भुवन की हत्या करने वाले चारों आरोपी जेल में बंद हैं।उनकी जमानत याचिका ख़ारिज की गयी है।