कोरोना के इस भयंकर दौर में अनाथ हुए 640 बच्चों को आज से वात्सल्य योजना का लाभ मिलेगा। डीबीटी (डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर) के ज़रिया से सीधे खातों में सरकारी आर्थिक सहायता प्राप्त होगी । राज्य के सीएम पुष्कर सिंह धामी अपने आवास से सोमवार को इस योजना का शुभारंभ करेंगे।
राज्य भर में कोरोना संक्रमण की पहली और दूसरी लहर ने काफी कहर बरपाया था । जिसके कारण कई बच्चे अनाथ हो गए जो अपने माता-पिता या दोनों में से किसी एक को खो चुके हैं। वहीं विभाग की तरफ से इस प्रकार के अब तक 2311 बच्चे चिन्हित कर लिए गए हैं, परन्तु फिलहाल 27 फीसदी बच्चों को ही वात्सल्य योजना का लाभ मिलेगा। जिलाधिकारियों की तरफ से इन बच्चों के सत्यापन का कार्य पूरा कर लिया गया है। जबकि चिन्हित किए गए अन्य बच्चों के सत्यापन की प्रक्रिया अभी चल रही है।
वहीं विभागीय सचिव हरि चंद्र सेमवाल के अनुसार शुरुआत में 640 बच्चों के सत्यापन की प्रक्रिया पूर्ण रूप से हो चुकी है। तथा इन सभी बच्चों के खाते भी खोल दिए गए हैं। जिन्हें डीबीटी के माध्यम से आर्थिक सहायता मिलनी शुरू हो जाएगी । जबकि अन्य बच्चों का संबंधित जनपदों के जिलाधिकारियों के माध्यम से सत्यापन कराया जा रहा है।
विभागीय सचिव ने कहा कि जैसे-जैसे सत्यापन की प्रक्रिया पूर्ण होती रहेगी,वैसे ही चिन्हित किए गए अन्य बच्चों को भी योजना का लाभ मिलने लगेगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश में सरकार की तरफ से योजना का दायरा बढ़ाते हुए कोरोना के अलावा अन्य बीमारियों से माता-पिता या दोनों में से किसी एक की मौत पर अनाथ हुए बच्चों को भी योजना का लाभ दिया जा रहा है।
ऐसा इसलिए भी किया गया है कि कुछ व्यक्तियों की कोविड की जांच रिपोर्ट आने से पूर्व ही उनकी मृत्यु हो गई। ऐसे में पीड़ितों को राहत देने के लिए कोविड काल में जो भी बच्चा अनाथ हुआ है उसे इस दायरे में लाया जा रहा है। इसके अलावा पीएम केयर्स फॉर चिल्ड्रन योजना के अंतर्गत भी कोरोना महामारी के चलते अपने माता-पिता को खो चुके बच्चों को मदद दी जा रही है। इन बच्चों को 18 वर्ष की आयु तक आयुष्मान भारत योजना के तहत पांच लाख का हेल्थ इंश्योरेंस दिया जा रहा है। इसके अलावा 18वर्ष की आयु में मासिक छात्रवृत्ति और 23 वर्ष की आयु में पीएम केयर्स से 10 लाख का फंड भी दिया जाएगा।
राजधानी देहरादून में सर्वाधिक 561 बच्चे किए चिन्हित
कोरोना काल के दौरान अनाथ हुए बच्चों में राजधानी देहरादून में सबसे ज्यादा 561 बच्चे चिन्हित किए गए हैं। जबकि जनपद टिहरी गढ़वाल में दूसरे नंबर पर 249, ऊधमसिंह नगर में 242, हरिद्वार में 230, पौड़ी गढ़वाल में 213, नैनीताल में 185, उत्तरकाशी में 120 बच्चे चिन्हित किए गए हैं। इसके अलावा अन्य जनपदों में भी इस प्रकार के कई बच्चे चिन्हित किए गए। डीएम के माध्यम से जिनके सत्यापन की प्रक्रिया जारी रही है।
कोरोना महामारी में अनाथ हुए बच्चों का जिलाधिकारी के जरिये से सत्यापन करवाया जा रहा है। शुरुआत में 640 बच्चों के सत्यापन का कार्य पूरा हुआ है। अन्य बच्चों के मामले में जैसे-जैसे इसकी प्रक्रिया पूर्ण होगी वैसे -वैसे उन्हें भी वात्सल्य योजना का मिल पायेगा।
– हरि चंद्र सेमवाल, सचिव महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास
मुख्यमंत्री वात्सल्य योजना का आज से शुभारंभ होने जा रहा है। योजना कोरोना या अन्य बीमारियों से माता-पिता, संरक्षक की मौत से प्रभावित बच्चों के कल्याण हेतु महत्वाकांक्षी पहल है।
– रेखा आर्य, मंत्री महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास