कोरोना संक्रमण काल में 12 बालक एवं बालिकाओं को माता-पिता परस्थितियों में भी दंपतियों से बच्चों को घर लाने का इंतजार नहीं हुआ। यही वजह रही कि पिछले मार्च से अभी तक चार बेटों व सात बेटियों को माता-पिता का प्यार मिल गया। जबकि एक बच्चे को विदेशी दंपति ने गोद लिया है।
शिशु निकेतन से एक वर्ष के अंदर 12 बच्चों को निसंतान दंपतियों ने गोद लिया है। खासकर बेटियों को गोद लेने में दंपतियों की ज्यादा रुचि दिखी गयी है । वहीं कई नए बच्चे भी शिशु निकेतन में आए है। इस बार ज्यादातर बच्चे देश के ही विभिन्न प्रदेशों के दंपतियों ने गोद लिए है। जबकि एक बच्चा विदेशी दंपति को सौंपा गया। वहीं एक और बच्चे को विदेशी दंपति की तरफ से गोद लेने की प्रक्रिया जारी है।
जिला प्रोबेशन अधिकारी मीना बिष्ट ने बताया कि कोविड-19 से पहले भी बहुत से बच्चों को विदेशी दंपतियों ने गोद लिया है,परन्तु कोविड के चलते देश के विभिन्न राज्यों से ही दंपतियों ने बच्चों को गोद लिया। पूरी सुरक्षा का ध्यान रखते हुए दंपतियों ने यहां आकर बच्चों को गोद लिया। उन्होंने कहा कि अच्छी बात तो यह है कि कोरोना काल के समय में भी दंपतियों ने बच्चों को घर ले जाने का मन बनाया।
भले ही आवेदन पहले किया था, परन्तु स्थिति सबके समक्ष थी। बावजूद इसके दंपति बच्चों को गोद लेने पहुंचे। उन्होंने बताया कि चार बेटों व सात बेटियों को इस वर्ष गोद लिया गया है । जबकि एक बच्चे को विदेशी दंपति ने गोद लिया है। इसके अलावा प्रोबेशन अधिकारी ने बताया कि अभी कुछ अन्य बच्चों के गोद लेने के प्रक्रिया भी चल रही है। फिलहाल एक और बच्चे को विदेशी दंपति गोद लेंगे। उनके प्रक्रिया लगभग पूरी होने ही वाली है।