आप के CM प्रत्याशी कर्नल कोठियाल को 25 हजार रुपये रिश्वत देकर प्राप्त हुई चौकीदार की नौकरी

देहरादून। आम आदमी पार्टी के वरिष्ट नेता एवं सीएम प्रत्याशी कर्नल अजय कोठियाल युवा बेरोजगारों के साथ उत्तराखंड सचिवालय पहुंचे। जहां उन्होंने बीजेपी सरकार में हो रहे भ्रष्टाचार और अवैध वसूली का खुलासा किया। प्रदेश में आप की पार्टी के सीएम पद के उम्मीदवार कर्नल अजय कोठियाल ने भ्रष्टाचार को लेकर प्रदेश सरकार पर सर्जिकल स्ट्राइक की। दावा किया गया है कि 25 हजार रुपये रिश्वत देकर उन्हें चौकीदार की नौकरी दी गई। उन्होंने कहा कि उन्हें भी बाल विकास कल्याण विभाग में भूतपूर्व सैनिक कोटे से चौकीदार की नौकरी के लिए 25 हजार रुपये की मांग की गई, जो कि उनके द्वारा दिए गए खाते में जमा कराई गई। तथा उसके बाद उनकी बिना जांच पडताल किए ही आउटसोर्स कंपनी ने उन्हें सेक्यूरिटी गार्ड की नौकरी देते हुए चंपावत में उन्हें पोस्टिंग भी दे दी। आप नेता कर्नल अजय कोठियाल ने कहा कि युवाओं के हक के लिए अब मैं भी चौकीदार बनूंगा।


उन्होंने सरकारी विभागों में रजिस्टर्ड ऐसी आउटसोर्स कंपनियों पर कई गंभीर आरोप भी लगाए। उन्होंने बेरोजगार युवाओं के साथ बीजेपी सरकार के सानिध्य में चल रहे आउटसोर्स कंपनी के भ्रष्टाचार और अवैध वसूली पर सर्जिकल स्ट्राइक करते हुए सरकार को कटघरे में खड़ा किया। इस दौरान उन्होंने कहा,बीजेपी सरकार जनता विरोधी सरकार है जो भ्रष्टाचार में पूर्ण रूप से डूबी हुई है। ये सरकार लोगों के साथ छलावा करते हुए अब रोजगार देने के नाम पर पैसे की उगाही करवा रही है।
इस मामले को लेकर वे युवा बेरोजगारों के साथ उत्तराखंड सचिवालय पहुंचे। जहां उन्होंने बीजेपी सरकार में हो रहे भ्रष्टाचार और अवैध वसूली का खुलासा किया।


आप सीएम प्रत्याशी कर्नल कोठियाल ने अपर सचिव महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग वी के मिश्रा से मुलाकात कर पूरा प्रकरण समझाते हुए उन्हें मिठाई खिलाई और कहा कि आपके विभाग द्वारा चयनित आउटसोर्स कंपनी ने मेरी बिना जांच पडताल किए और पैसे लेकर मुझे सेक्यूरिटी गार्ड की नौकरी दी है। जिस पर अपर सचिव कुछ भी बोलने से बचते रहे। तथा उन्होंने कर्नल कोठियाल और मीडिया से कहा कि वो नए आए हैं उन्हें इस मामले की कोई जानकारी नहीं है, परन्तु मामले की जांच पड़ताल करवाई जाएगी।

उन्होंने कहा बीजेपी का चरित्र केवल भ्रष्टाचार करना और करवाना है और ये कोई पहला विभाग नहीं। ऐसे अन्य कई विभाग हैं जहां आउटसोर्सिंग के नाम पर बेरोजगारों से पैसा तो वसूला ही जाता है, परन्तु उन्हें पैसा लेने के बाद भी स्थाई नौकरी नहीं दी जाती और अकसर उन्हें वो वेतन भी नहीं मिल पाता , जो उनके कॉल लेटर में अंकित किया गया हो।

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