उत्तराखण्ड राज्य में आगामी विधानसभा चुनाव 2022 नजदीक है और सभी विपक्षी दल सरकार को बेरोजगारी और महंगाई के मुद्दों पर बड़ा चुनावी हथियार बनाकर घेर रही है। तो वहीं अब राष्ट्रीय सांख्यिकीय कार्यालय (एनएसओ) के आंकड़े सामने आने से सियासत ओर भी अधिक गरमाई हुई है। 2020 के सर्वे के आंकड़ों के अनुसार शहरी बेरोजगारी के मामले में उत्तराखण्ड राज्य का 10वां स्थान था। तो वहीं अब जारी आंकड़े उत्तराखण्ड प्रदेश में बेरोजगारी बढ़ने के संकेत दे रहे हैं। आपको बता दें रिपोर्ट के अनुसार कोरोनाकाल में अप्रैल से जून 2020 में 26.8 फीसदी लोगों के रोजगार छिने। जुलाई से सितंबर माह में जब अनलॉक के हालात बनें तो बेरोजगारी दर घटकर 10.9 प्रतिशत रही। परन्तु इसके बाद अक्टूबर 2020 में यह बढ़कर 11.6 प्रतिशत हो गई। 2019 की तुलना में 2020 में बेरोजगारी 2.3 प्रतिशत बढ़ गई है।
आपको बताते चलें कि 22 राज्यों के सर्वे के आंकड़ों के आधार पर रिपोर्ट बता रही है कि बेरोजगारी दर में उत्तरखंड राज्य देश में नौवें स्थान पर था। अब इसी महंगाई और बेरोजगारी के मुद्दे कों लेकर कांग्रेस ने रोजगार दो अभियान छेड़ दिया है। तो उधर, आम आदमी पार्टी भी पीछे नहीं रही ,चुनावी वर्ष में वह भी महंगाई और रोजगार को लेकर सरकार पर लगातार आक्रामक है। वहीं इस संबंध में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक का कहना है कि रोजगार के मुद्दे पर भाजपा सरकार गंभीर है। जिसके लिए प्रदेश सरकार द्वारा 24 हजार सरकारी नौकरियों को खोला गया है। साढ़े चार साल में लाखों लोगों को रोजगार व स्वरोजगार से जोड़ा गया। `कहा महंगाई के बारे में कांग्रेस नौटंकी कर रही है। उसे पहले कांग्रेस शासित राज्यों में महंगाई और बेरोजगारी के बारे में सोचना चाहिए।