उत्तराखंड में सरकार ने कोरोना के नए स्वरुप ओमिक्रोन से बचाव तथा संक्रमण पर नियंत्रण हेतु एसओपी जारी कर दी है। इसमें सभी जिलाधिकारियों से राज्य के एयरपोर्ट, रेलवे स्टेशन, बार्डर चेक पोस्ट ,पर्यटन स्थल और भीड़भाड़ वाली जगहों पर रैंडम सैंपलिंग कराने और संक्रमित पाए गए व्यक्तियों को कोरोना प्रोटोकाल के तहत चिकित्सा सुविधा प्रदान करने को कहा है। एसओपी में प्रदेश के सभी महाविद्यालय, मेडिकल व नर्सिंग कालेज, और शैक्षिक संस्थानों में कोविड सैंपलिंग करने हेतु निर्देश दिए गए हैं। साथ ही प्रदेश की बार्डर से सटे नेपाल से आवाजाही के समय कोरोना वैक्सीन की दोनों डोज लगाने का प्रमाणपत्र दिखाना अनिवार्य किया गया है।वहीं प्रदेश के मुख्य सचिव एसएस संधु ने मंगलवार को जारी एसओपी में कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने ओमिक्रोन को वायरस आफ कंसर्न घोषित किया है।
इसमें संक्रमण तेजी से फैलता है। इसे मध्यनजर रखते हुए राज्य में टीकाकरण कार्य में तेजी लाई जाए। कोविड संक्रमण की निगरानी एवं नियंत्रण व्यवस्था को प्रभावी तरीके से लागू किया जाए।तथा सभी सार्वजनिक स्थानों पर सुरक्षित शारीरिक दूरी, मास्क पहनना एवं सैनिटाइजेशन का सख्ती से अनुपालन कराया जाए। सार्वजनिक जगहों पर थूकना गैरकानूनी होगा। इसका उल्लंघन करते पाए जाने पर जुर्माना लगाया जाएगा।इसके साथ- साथ सार्वजनिक जगहों पर पान, गुटखा और तंबाकू का सेवन प्रतिबंधित किया गया है। एसओपी में कहा गया है कि आमजन को नए वैरिएंट के बारे में जागरूक करने हेतु अभियान चलाया जाए। प्रदेश के शिक्षण संस्थानों से लेकर सभी स्वास्थ्य कर्मियों और फ्रंट लाइन वर्कर का कोविड टेस्ट किया जाए। संक्रमित पाए जाने वाले व्यक्तियों को कोविड प्रोटोकाल के तहत चिकित्सा सुविधा दी जाएगी। वहीं अंतर राष्ट्रीय बार्डर चेक पोस्ट पर भी रैंडम टेस्ट किए जाएं।
इसके साथ ही शासन ने केंद्र के उस पत्र का भी जिक्र किया है जिसमें विदेश से आने वाले यात्रियों के लिए दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। इसमें स्पष्ट किया गया है कि विदेश से आए जो यात्री होम क्वारंटाइन हैं, उनकी सतत निगरानी की जाए। उनमें कोरोना संक्रमण के किसी भी प्रकार के लक्षण दिखाई देने पर कोविड प्रोटोकाल के मुताबिक उपचार किया जाए।इस वायरस को हल्के में न ले और कोविड नियमों का पालन करे। घर में रहे सुरक्षित रहे।