18.2 C
Dehradun
Thursday, November 21, 2024

कब और किसने बनाया भारतीय राष्ट्रीय ध्वज, जानें तिरंगे के हर रंग का मतलब

भारत अपना 73वां गणतंत्र दिवस मना रहा है। लाल किले से लेकर देशभर के सरकारी कार्यालयों और कई अन्य जगहों पर इस मौके पर राष्ट्रीय ध्वज फहराकर लोग भारत माता और तिरंगे को सलामी देते है। विश्व में भारत की पहचान का एक प्रतीक हमारा तिरंगा है। भारतीय राष्ट्रीय ध्वज तीन रंगों से मिलकर बना है। इसलिए इसे तिरंगा भी कहते हैं। इस तिरंगे के बीचो बीच एक गोल चक्र है। तिरंगे के हर रंग से लेकर चक्र और चक्र में मौजूद तीलियों की संख्या तक सब कुछ देश के लिए प्रतीक की तरह है। लेकिन कभी आपने सोचा कि भारतीय तिरंगे को बनाया किसने है? वह कौन है जिसने पहली बार भारतीय राष्ट्रीय ध्वज के तौर पर तिरंगे को डिजाइन किया होगा ? और क्यों तिरंगे को ही भारत के राष्ट्रीय ध्वज के तौर पर मान्यता मिली? तिरंगे में शामिल रंगों का क्या मतलब है? भारत के राष्ट्रीय ध्वज से जुड़ी कई रोचक बातें हैं, जो आपको नहीं पता होगी। गणतंत्र दिवस के मौके पर जानिए भारतीय राष्ट्रीय ध्वज का निर्माण करने वाले शख्स के बारे में और इसे मान्यता दिए जाने की वजह।

कब और किसने किया तिरंगे को डिजाइन
तिरंगे का निर्माण करने वाले शख्स का नाम पिंगली वेंकैया है। 1921 में पिंगली वेंकैया ने ध्वज का निर्माण किया था। भारत के लिए एक बेहतर ध्वज का निर्माण करना इतना भी आसान नहीं था। पिंगली वेंकैया ने साल 1916 से 1921 तक करीब 30 देशों के राष्ट्रीय ध्वज का अध्ययन किया, जिसके बाद उन्होंने तिरंगे को डिजाइन किया था। उस समय के तिरंगे और आज के तिरंगे में थोड़ा फर्क है। तब तिरंगे में लाल, हरा और सफेद रंग हुआ करता था। वहीं चरखे के चिन्ह को इसमें जगह दी गई थी। लेकिन 1931 में एक प्रस्ताव पारित होने के बाद लाल रंग को हटाकर उसकी जगह केसरिया रंग कर दिया गया।

पिंगली वेंकैया कौन थे   
भारत का मान बढ़ाने वाले तिरंगे को डिजाइन करने वाले पिंगली वेंकैया आंध्र प्रदेश के रहने वाले थे। वेंकैया आंध्र के मछलीपत्तनम के पास एक गांव में रहते थे। 19 साल की उम्र में वेंकैया ब्रिटिश आर्मी के सेना नायक बन गए। बाद में दक्षिण अफ्रीका में एंग्लो-बोअर युद्ध के दौरान पिंगली वेंकैया की मुलाकात महात्मा गांधी से हुई। इस मुलाकात के बाद उनमें बदलाव आया और वह स्वदेश वापस आ गए। उन्होंने ब्रिटिशों की गुलाबी के खिलाफ आवाज उठाते हुए स्वतंत्रता संग्राम में हिस्सा लिया। जब उन्होंने तिरंगे का निर्माण किया तो पिंगली वेंकैया की उम्र 45 साल थी।

कब तिरंगा बना राष्ट्रीय ध्वज
तिंरगे को भारतीय ध्वज के तौर पर मान्यता मिलने में करीब 45 साल लग गए। चरखे के जगह अशोक चक्र को ध्वज में शामिल किया गया। 22 जुलाई 1947 को आयोजित भारतीय संविधान सभा की बैठक के दौरान राष्ट्रीय ध्वज के वर्तमान स्वरूप को अपना लिया गया। उसके बाद इसे स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस के मौके पर फहराया जाता है।
तिरंगे के रंगों का मतलब

तिरंगे में मौजूद तीन रंग हैं- केसरिया, सफेद और हरा। तीनों रंगों का अपना विशेष महत्व है। केसरिया रंग साहस और बलिदान का प्रतीक है। सफेद रंग शांति और सच्चाई को दर्शाता है। वहीं हरा रंग संपन्नता का प्रतीक है। जब तिरंगा डिजाइन किया गया था, तब लाल और हरे रंग को हिंदू- मुस्लिम का प्रतीक और सफेद रंग को अन्य धर्मों के प्रतीक के तौर पर प्रस्तुत किया गया था। तिरंगे में सफेद रंग पर नीले रंग में सम्राट अशोक के धर्म चक्र चिन्ह के तौर पर बना है। अशोक चक्र का कर्तव्य का पहिया कहा जाता है, जिसमें शामिल 24 तीलियां मनुष्य के 24 गुणों को दर्शाती हैं।

 

 

 

 

Related Articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

spot_img
spot_img

Latest Articles

error: Content is protected !!