
राष्ट्रीय मूल्यांकन और प्रत्यायन परिषद के दिशा निर्देशों के तहत उच्च शिक्षा के स्तर को बेहतर बनाने के उद्देश्य से देवभूमि उत्तराखंड यूनिवर्सिटी में एक दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया, जिसमें शिक्षा जगत की जानी मानी हस्तियों के अलावा विभिन्न विश्वविद्यालयों और संस्थानों के शिक्षाविदों ने शिरकत की|
शनिवार को मांडूवाला स्थित देवभूमि उत्तराखंड यूनिवर्सिटी में विश्वविद्यालय की शाखा आईक्यूएसी के तत्वावधान में “अकादमिक मान्यता की ढांचागत व्यवस्था में आईक्यूएसी की गुणवत्तापूर्ण पहल” विषय पर राष्ट्रीय संगोष्ठी आयोजित की गयी, जिसमें मुख्यअतिथि के तौर पर विश्वविद्यालय अनुदान आयोग की सदस्या प्रोफ़ेसर (डॉ.) सुषमा यादव ने वेबिनार के माध्यम से कहा कि राष्ट्रीय मूल्यांकन और प्रत्यायन परिषद (एनएएसी) नैक का उद्देश्य उच्च शिक्षा के स्तर को बेहतर बनाना है और इसके लिए आवश्यक है कि विश्वविद्यालयों के आतंरिक गुणवत्ता आश्वासन सेल को मज़बूत बनाया जाए ताकि छात्रों को बेहतर शैक्षणिक माहौल प्रदान किया जा सके| इसलिए नैक के दिशा निर्देशों के सही ढंग से क्रियान्वयन के लिए संगोष्ठी का आयोजन एक अच्छी पहल है| इस अवसर पर एचएनबी गढ़वाल विश्वविद्यालय, श्रीनगर के प्रोफ़ेसर (डॉ.) ओम प्रकाश गुसाईं ने उच्च शिक्षण संस्थानों में ‘मान्यता और गुणवत्तापूर्ण आश्वासन’ विषय पर अपने विचार प्रस्तुत किये| वहीं, वेंगार्ड बिज़नेस एजुकेशन सर्विसेज़, अमेरिका के संस्थापक प्रोफ़ेसर (डॉ.) वीजे बायरा रेड्डी ने कहा कि आतंरिक गुणवत्ता आश्वासन सेल, उत्कृष्टता निर्माण की सबसे महत्वपूर्ण कड़ी है, जो जितनी मज़बूत होगी, उच्च शिक्षा का माहौल उतना ही बेहतर होगा|जामिया हमदर्द (डीम्ड यूनिवर्सिटी), नई दिल्ली के प्रोफ़ेसर (डॉ.) शेख़ रईसुद्दीन ने मान्यता और बेहतर रैंकिंग के लिए शोध की उपयोगिता पर प्रकाश डाला| इसके अलावा एचवी देसाई कॉलेज, पुणे के विशेषज्ञ पियूष एम् पहाड़े ने अकादमिक मान्यता की ढांचागत व्यवस्था में छात्र समर्थन और प्रगति विषय पर अपने विचार प्रस्तुत किये|
संगोष्ठी के दौरान नैक के नए दिशा निर्देशों पर विस्तार से चर्चा की गयी, ताकि छात्रों को बेहतर शैक्षणिक माहौल प्रदान करने सहित उनके भविष्य को संवारने की दिशा में उचित कदम उठाया जा सके और साथ ही नैक के दिशा निर्देशों के प्रति विशेषज्ञों, शोधार्थियों, शिक्षाविदों सहित आतंरिक गुणवत्ता आश्वासन सेल (आईक्यूएसी) के समन्वयकों के सामने उत्पन्न होने वाली समस्याओं को दूर किया गया|इसके अलावा विश्वविद्यालय के प्रशासनिक प्रदर्शन में सुधार करने के उद्देश्य से नयी व्यवस्था विकसित करने पर भी ज़ोर दिया गया|कार्यक्रम के समापन अवसर पर विश्वविद्यालय की कुलपति प्रोफ़ेसर (डॉ.) प्रीति कोठियालने मुख्य अतिथि एवं अन्य विशिष्ट अतिथियों को धन्यवाद दिया और स्मृति चिन्ह भेंट किए|संगोष्ठी का आयोजन देवभूमि उत्तराखंड यूनिवर्सिटी के कुलाधिपति श्री संजय बंसल और उपकुलाधिपति श्री अमन बंसल की देखरेख में संपन्न