उत्तराखंड : हरिद्वार पहुंचे प्रदेश के सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि देश की रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति देने वाले अमर शहीदों के परिवारों को सरकार द्वारा बेटल केजुअल्टी में 35 लाख और फिजिकल केजुअल्टी में 25 लाख का आर्थिक सहयोग देगी।
देवभूमि पूर्व सैनिक कल्याण समिति के 12वें वार्षिकोत्सव कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए सैनिक कल्याण मंत्री ने कहा कि अब तक शहीदों के परिजनों को 10 लाख की धनराशि दिये जाने का प्रावधान था, जो अब बढ़कर क्रमशः 35 एवं 25 लाख होगा। जिसे मुख्यमंत्री की स्वीकृति के लिए भेजा जा रहा है। मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा सैनिकों एवं पूर्व सैनिकों के के कल्याण के लिए सरकार की प्रतिबद्धता को दोहराया। उन्होंने कहा कि सरकार राज्य के पूर्व सैनिकों की हरसंभव सहायता कर रही है। उन्होंने यह भी कहा कि केंद्र सरकार भी पूर्व सैनिकों के कल्याण से के संबंध में कई योजनाएं चला रही हैं। मंत्री ने कहा कि मैं आज जो भी हॅू, उसके पीछे मेरी सैन्य पृष्ठभूमि का बहुत अधिक सहयोग है।
संत समाज की ओर से महंत रघुवीर दास महाराज और महामंडलेश्वर स्वामी ललितानंद महाराज का सान्निध्य प्राप्त हुआ। नगर निगम टाउन हॉल में आयोजित कार्यक्रम में रंगारंग सांस्कृतिक एवं देशभक्ति कार्यक्रम प्रस्तुत किए गए। इसके साथ वीर नारियों एवं वरिष्ठ पूर्व सैनिकों को सम्मानित किया गया। समिति के अध्यक्ष सूबेदार मेजर दिनेश चंद्र सकलानी ने सभी अतिथियों एवं पूर्व सैनिकों का स्वागत किया और समिति के बारे में सभी को अवगत कराया। समिति के महासचिव ऋतुराज चौहान द्वारा समिति द्वारा किए जा रहे समाज सामाजिक कार्यों के बारे में सभी को अवगत कराया।
कार्यक्रम का मंच संचालन दीपक जखमोला द्वारा किया गया। कार्यक्रम में उत्तरायण कला केंद्र कनखल, केयर कॉलेज ऑफ नर्सिंग, रोहाल्की, सेवा भारती, हरिद्वार के बच्चों द्वारा सांस्कृतिक प्रस्तुति दी गई, साथ ही समिति के सदस्यों के मेधावी बच्चों द्वारा भी सांस्कृतिक एवं देशभक्ति पूर्ण कार्यक्रम प्रस्तुत किए गये। कार्यक्रम को सफल बनाने में बीएस शर्मा, शिवनंदन, मुकेश कुमार चंदोलिया, मनोज भट्ट, देवेंद्र सिंह थापा, राजेंद्र सिंह रावत, नंदन सिंह कथायत, प्रकाश चंद्र भट्ट, ओम प्रकाश थापा, जितेंद्र सिंह अस्वाल, सत्तेश्वर बडोनी, पीके शर्मा, मनोज कुमार शर्मा, अरविंद कुमार शुक्ला, अतुल कुमार, विनोद कुमार अग्रवाल, विजय शंकर चौबे, योगेंद्र पुरोहित आदि ने महत्वपूर्ण योगदान दिया।