देहरादून । चारधाम यात्रा उमड़ रहे श्रद्धालुओं की भारी संख्या से धामों मेें इंतजाम चरमरा गए हैं। केदारनाथ में तो कई यात्री लॉज, दुकानों के आगे या खुले में रात बिताने को मजबूर हो रहे हैं। वहीं बद्रीनाथ में किए जा रहे मास्टर प्लान के कारण भी यात्रियों को ठहरने की दिक्कत हो रही है। केदारनाथ में सरकारी और निजी मिलाकर कुल सात हजार यात्रियों के ठहरने का इंतजाम है। लेकिन वहां रोजाना 15 से 18 हजार यात्री पहुंच रहे हैं। इसलिए सैकड़ों यात्री होटल, लॉज की गैलरी, दुकानों तक में रुकने को मजबूर रहना पड़ रहा है।
राजस्थान के सोनाजी, कोलकाता के कजारीराम, दिल्ली के त्रिभुवन कुमार, महाराष्ट्र के सुजीदेव ने बताया कि केदारनाथ में होटल, लॉज भी नहीं मिल पाए। सरकारी टैंट कालोनी में भी जगह नहीं मिली। एक तीर्थपुरोहित से बाहर गैलरी में सोने की अनुमति मांगी। जिन यात्रियों को रात में रुकने की जगह नहीं मिल पा रही है। वे होटल, लॉज स्वामियों की खुशामद करते नजर आ रहे हैं।
दर्शन को करना पड़ रहा लंबा इंतजार
गंगोत्री और यमुनोत्री धाम में छह से आठ हजार यात्री प्रतिदिन पहुंच रहे हैं। गंगोत्री धाम में पांच हजार यात्रियों के ठहरने की व्यवस्था है। यमुनोत्री धाम में सिर्फ 200 लोगों के ही ठहरने की व्यवस्था है। यहां यात्रियों को रात्रि विश्राम के लिए जानकीचट्टी और बड़कोट आना पड़ता है।
गंगोत्री और यमुनोत्री धाम में सुबह ही यात्री दर्शन को पहुंच रहे हैं। घंटों लाइन में लगकर भक्त धामों के दर्शन कर रहे हैं।
वहीं, केदारनाथ में दर्शनों के लिए भी करीब चार घंटे तक का इंतजार करना पड़ रहा है। क्षमता से अधिक यात्री पहुंचने से ठहरने और खाने पीने के लिए परेशानी हो रही है। उधर, डीएम मयूर दीक्षित ने कहा कि, यात्रियों को क्षमता के अनुरूप ही गौरीकुंड से आगे भेजने का प्रयास किया जा रहा है।