
देवभूमि उत्तराखंड के जंगलों में तरह-तरह की औषधीय वनस्पति पाई जाती है। जिनका इस्तेमाल करके हम स्वयं को स्वस्थ और तंदुरुस्त रख सकते हैं,औषधि वनस्पति में एक नाम लिंगड़ा का भी शामिल है ,जिसको हम सब्जी व अचार के रूप में उपयोग में लाते हैं ।आपको बता दें कि यह बहू उपयोगी और औषधीय गुणों से भरपूर होता है इसमें रोग प्रतिरोधक क्षमता होती है और इसका सेवन करने से रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है । तथा कई अनेकों बीमारियों से बचाव करता है यह लिंगड़ा ।उत्तराखंड के अनेकों स्थानों में पाया जाता है यह लिंगड़ा कई जगहों पर इसे लिंगुड़ा , ल्यूड , लिगड़ा एवं लिंगोड़ा के नाम से जाना जाता है ।
लिंगड़ा एक जंगली वनस्पति है जो कि उत्तराखंड तथा अन्य हिमालई राज्यों में मैं जंगलों एवं नमी वाले स्थानों जैसे कि गाड , गधेरे के किनारे उगता है और इसका वनस्पति नाम डिप्लॉजिम एस्क्युलेंटम है |लिंगड़ा कि लगभग 400 प्रजाति पाई जाती है ।बता दे की लिंगड़ा जिंक और विटामिन सी भरपूर मात्रा में पाया जाता है और इसमें एंटीऑक्सीडेंट गुण भी पाए जाते हैं ।
साथ ही लिंगड़ा कोमल मुलायम डंठल एंटीऑक्सीडेंट के गुणों की भरमार होती है डेंटल को पानी में उबालकर पीने से या फिर इसकी सब्जी बनाकर खाने से कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी से रक्षा होती है ।यह शुगर के रोगियों के लिए भी लाभदायक होता है । लिंगड़ा लीवर की समस्या ,त्वचा रोग संबंधित समस्या एवं गठिया और हड्डी संबंधित रोग में भी लाभदायक और बेहद फायदेमंद होता है । कई प्रकार के बहु उपयोगी और फायदेमंद वनस्पतियाँ देवभूमि उत्तराखंड में पाई जाती है ।