उत्तराखंड में यूं तो प्राकृतिक वनस्पतियों का भंडार है यहां पर जंगली वनस्पति व फल पाए जाते हैं जिनमें औषधीय भंडार छुपा हुआ है तो वही किनगौड़ ,काफल से लेकर से लेकर जंगली फल स्वाद में बड़े ही लाजवाब होते हैं साथ ही इनमें औषधियों का एक गुण भी छुपा हुआ है ।तो वही आज हम आपको एक ऐसे ही जंगली फल के बारे में बताने जा रहे हैं जी हां जो फल दिखने में भी बड़ा लाजवाब होता है और खाने में तो इससे भी स्वादिष्ट होता है इसमें शहद जैसी मिठास पाई जाती है यह मानो कि इसमें जैसे शहद डाल दिया हो । यह फल है हिसर जोजोकि उत्तराखंड के पहाड़ों में रूखी सूखी धरती पर छोटी झाड़ियों में उगने वाला एक जंगली रसदार फल है ।
इसे कुछ स्थानों में हिंसर या हिंसरु के नाम से भी जाना जाता है अगर आपका बचपन भी उत्तराखंड की पहाड़ी गांव में बीता है । तो आपने भी हिंसरका खट्टा मीठा स्वाद जरूर चका होगा सुबह हो या शाम गांव के बच्चे हिंसर के फल को इकट्ठा करके लाते है और इसे बड़े स्वाद के साथ खाते है।और इनके मीठे स्वाद का मिलकर लुफ्त उठाते हैं,
यह फल भी औषधीय गुणों से भरपूर है हिस्सर दो प्रकार के होते हैं एक पीला हिंसर और एक काले रंग हिंसर होता है जो कि जंगलों में पाया जाता है और अंतरराष्ट्रीय बाजार में इसकी भारी मांग रहती है । काले हिंसर को पहाड़ों में कलहिंसर नाम से जाना जाता है यह भी स्वादिष्ट और औषधीय गुणों से भरपूर है ।यदि आप भी पहाड़ों की सैर करें तो जरूर हिंसर का खटा – मीठा स्वाद एक बार आप भी चखगे तो यकीन मानिए कि आप कभी भी इसका स्वाद नहीं भूलेंगे ।