विश्व धरोहर कही जाने वाली फूलों की घाटी को बुधवार से पर्यटकों के लिए खुल गयी है। नंदा देवी राष्ट्रीय पार्क के डीएफओ नंद बल्लभ शर्मा ने घांघरिया चौकी से हरी झंडी दिखाकर घाटी के लिए सैलानियों का पहला दल रवाना किया।तो वहीं इस दौरान पहले दिन घाटी में 75 पर्यटक पहुंचे।ये ही नहीं बल्कि इनमें से कई पर्यटक तो घाटी खुलने का चार दिन से लगातार इंतजार कर रहे थे। जिनके चहरे पर आज घाटी खुलने के बाद रौनक लौटी है।
जैसे की बुधवार की सुबह सात बजे घाटी पर्यटकों के लिए खोल दी गयी है और पहला दल घाटी के लिए रवाना किया गया। घाटी में अभी प्रिमूला, पोटेटिला, वाइल्ड रोज, कोवरा लिलि सहित करीब 300 से अधिक प्रजाति के फूल खिले हुए हैं। बता दे की जुलाई और अगस्त महीने में घाटी पूरी तरह से फूलों से लद्दी रहती है। यह दृश्य देखने योग्य होता है।
आपको बता दे की फूलों की घाटी में आने के लिए यह समय सबसे अच्छा माना जाता है। इस समय यहां देश-विदेश से बड़ी संख्या में पर्यटक फूलों का दीदार करने के लिए पहुंचते हैं।लगभग 87.5 वर्ग किमी में फैली यह घाटी जैव विविधता से भरी है।घाटी में प्राकृतिक रूप से खिलने वाले फूलों के अलावा प्राकृतिक स्लोप भी पर्यटकों को रोमांचित करते हैं। वहीं फूलों की घाटी के वन क्षेत्राधिकारी बृजमोहन भारती ने बताया कि पहले दिन घाटी में जाने वाले 75 पर्यटकों में 12 स्पेन की महिला पर्यटक भी शामिल हैं। उधर घाटी पहुंचे भोपाल मध्य प्रदेश के संजीव कुमार और पलिया उत्तर प्रदेश के ललित नारायण का कहना है कि वे चार दिन से घांघरिया में रुककर फूलों की घाटी खुलने का इंतजार कर रहे थे। पर्यटकों के साथ गाइड के रूप में अनूप कुमार भी घाटी पहुंचे।