उत्तराखणड के लिए दुःखद खबर प्रसिद्ध लोक गायक किशन सिंह पंवार कह गये अलविदा

उत्तराखण्ड के सुप्रसिद्ध लोक गायक किशन सिंह पंवार का निधन हो गया है। वहीं उनके निधन पर प्रसिद्ध लोक गायक गढरत्न नरेंद्र सिंह नेगी, जागर सम्राट प्रीतम भरतवाण, उत्तरकाशी संवेदना समूह के अध्यक्ष जयप्रकाश राणा, लोक गायिका मीना राणा अनुराधा निराला आदि तमाम लोगों ने शोक व्यक्त किया है।

 

जानकारी के मुताबिक टिहरी गढ़वाल के प्रतापनगर प्रखंड में रमोली पट्टी के नाग गांव मे किशन सिंह पंवार का जन्म हुआ था। महज 70 साल की उम्र में वे सभी उत्तराखण्ड वासियों को अलविदा कह गए । आपको बता दे की देहरादून के अस्पताल में उन्होंने अपनी अंतिम सांस ली है। उनके निधन की खबर से पूरे उत्तराखंड में शोक की लहर है ।किशन सिंह पंवार उत्तरकाशी के राजकीय इंटर कालेज गंगोरी में चित्र कला के शिक्षक रहे हैं। शिक्षण कार्य के साथ सृजन और एक पहाड़ी लोकगीतों को गाने का अंदाज किशन सिंह पंवार का सबसे अलग रहा है। किशन सिंह पवार ने अपनी वास्तविक फोक की आवाज से कई लोक गीत गाए। टिहरी बांध के कारण टिहरी शहर डूबने के दौरान किशन सिंह पंवार ने मेरी टिरी के गीत गाय। इसके अलावा राजनीति पर व्यंग्य करता हुआ गीत ‘यूं आंख्यों न क्या-क्या नी देखी…’, खास है। किशन सिंह पंवार के ‘कै गऊं की होली छोरी तिमलू दाणी…’ ‘न प्ये सपुरी तमाखू…’, ‘ऋतु बौडी़ ऐगी…’, ‘बीडी़ को बंडल…’ जैसे कई गीत गाये । उनकी निधन की खबर से पूरे उत्तराखंड के सांस्कृतिक जगत में शोक की लहर है। उनके निधन से एक बहुत बड़ी क्षति हुई हैं ।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here