उत्तराखंड ख़बर किशोर रावत कि रिपोर्ट
यह प्रशिक्षण दिनांक 1.07.22 को आरम्भ किया गया था, जिसमे 21 महिलाओं ने भाग लिया। प्रशिक्षण के बाद सभीमहिला प्रशिक्षुओं ने परीक्षा दी. श्रीमती कमला बोहरा एम टी इस एमडीटीसी, हल्द्वानी इस पाठ्यक्रम के दौरान सहायक के रूप में उपस्थित रही। श्री हरीश चंद बरिष्ठ कार्यकारी समन्वयक और श्रीमती ममता पंत गेस्ट फैकल्टी ने ब्यूटीशियन कोर्स का प्रशिक्षण दिया।श्री राकेश शर्मा , सह – निदेशक द्वितीय, ने सूचित किया है कि विभागीय बहुउद्देशीय प्रशिक्षण केंद्र, खादी और ग्रामोद्योग आयोग (एमडीटीसी), सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय (भारत सरकार), हल्द्वानी (उत्तराखंड) ने दिनांक 30.07.22 ग्राम-नंगला जनपद उधमसिंह नगर में महिलाओं के लिए 30 दिनों के ब्यूटीशियन प्रशिक्षण का समापन किया।
यह सूचित करना महत्वपूर्ण है कि ये सभी प्रशिक्षित ब्यूटीशियन खादी और ग्रामोद्योग आयोग, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय (भारत सरकार), की प्रमुख स्वरोजगार उन्मुख कार्यक्रम- “प्रधान मंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम” (पीएमईजीपी) के तहत ऋण प्राप्त करने के पात्र हैं।
खादी और ग्रामोद्योग आयोग, (के. वी. आई. सी. ), उत्तराखंड राज्य खादी और ग्रामोद्योग बोर्ड (के. वी. आई. बी.), और जिला उद्योग केंद्र (डीआईसी ) उत्तराखंड राज्य में “प्रधान मंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम” (पीएमईजीपी) के लिए कार्यान्वयन एजेंसियां हैं।
सभी महिला प्रशिक्षु अनुसूचित जाति / अनुसूचित जनजाति / अन्य पिछड़ा वर्ग / अल्पसंख्यक / भूतपूर्व सैनिक, शारीरिक रूप से विकलांग, एनईआर, पहाड़ी और सीमावर्ती क्षेत्रों आदि के रूप में एक विशेष श्रेणी के अंतर्गत आती हैं।
प्रधान मंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (पीएमईजीपी) भारत सरकार समर्थित क्रेडिट-लिंक्ड सब्सिडी योजना है। इस योजना के तहत महिला लाभार्थी परियोजना लागत का 25-35 प्रतिशत अनुदान ग्रामीण -शहरी क्षेत्र के लिए प्राप्त कर सकती हैं।
ब्यूटीशियन /सैलून सेवा क्षेत्र के अंतर्गत आता है और महिला प्रशिक्षु जिनकी शैक्षणिक योग्यता आठवीं कक्षा उत्तीर्ण है ₹ 5 लाख से ऊपर अपनी जरुरत के अनुसार ऋण के लिए आवेदन कर सकती है। यदि 8वीं पास नहीं हैं तो भी ₹ 5 लाख से कम का अपना सैलून प्रकल्प हेतु ऋण के लिए आवेदन कर सकती हैं।
महिला वर्ग के मामले में परियोजना लागत का 5% स्वं का अंशदान पूंजीगत व्यय ऋण और कार्यशील पूंजी के सापेक्ष एक चक्र हेतु अपेक्षित है।
पीएमईजीपी योजना दिशानिर्देशों के अनुसार, बैंकों द्वारा धन जारी करने से पहले सभी पीएमईजीपी लाभार्थियों के लिए 10 दिनों के लिए उद्यमिता विकास कार्यक्रम (ईडीपी) प्रशिक्षण अनिवार्य है। यह ऑनलाइन और ऑफलाइन भी उपलब्ध है। यह प्रशिक्षण एक सफल उद्यमी की भूमिका निभाने के लिए आवश्यक कौशल और क्षमताओं को प्राप्त करने में मदद करता है।
पीएमईजीपी ऋण आवेदन करते समय आवश्यक दस्तावेजो -यथा
फोटो , आधार कार्ड, शैक्षिक योग्यता, परियोजना रिपोर्ट, विशेष श्रेणी का प्रमाण पत्र, यदि आवश्यक हो, ग्रामीण क्षेत्र का प्रमाण पत्र, शिक्षा/कौशल विकास प्रशिक्षण/ईडीपी प्रमाणपत्र, राशन कार्ड अथवा परिवार रजिस्टर की प्रति, निवास का साक्ष्य यथा बिजली/पानी का बिल, अनुभव प्रमाण पत्र यदि कोई हो , इनकम टैक्स रिटर्न की प्रति/पैन कार्ड यदि हो , सिबिल स्कोर , बैंक पासबुक की प्रति, इकाई लगाने के स्थान की जानकारी।
राज्य निदेशक प्रभारी श्री राम नारायण ने दूरभाष पर अपील की है कि प्रधान मंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (पीएमईजीपी) भारत सरकार समर्थित क्रेडिट-लिंक्ड सब्सिडी योजना का लाभ उठायें और आत्मनिर्भर बनें साथ ही दूसरो को भी रोजगार देकर उत्तराखंड की विकास यात्रा में शामिल हो और भारत देश की तरक्की में अपना योगदान करे । अमृत महोत्सव के उपलक्ष्य में सभी नागरिको से भी अपील है कि “हर घर तिरंगा ” मुहिम को सफल बनाये और देश प्रेम की लहर चलने हेतु अपने घर/कार्यालय/फैक्ट्री में ध्वजारोहण करें। सभी खादी भंडारों /खादी इंडिया विक्री केंद्रों पर तिरंगा झंडा उपलब्ध है। जय हिंद