जैसे कि आज के युग में प्रदूषण का बहुत अधिक बढ़ जाना और कई प्रकार की बीमारियां वातावरण में उत्पन्न होना कहीं ना कहीं अधिक वाहनों के चलते यह वातावरण दूषित होता जा रहा है ।प्रकृति को अतिरिक्त प्रदूषण से बचाने और दिन-प्रतिदिन प्लास्टिक के उपयोग के लिए ऑल इंडिया साइकिल चलाने की एक पहल 24 वर्षाय मणिकंदन एन. (सुजू) ने की है। बता दे की उनका जन्म और पालन-पोषण ऊटी में हुआ है और उन्होने ने प्रकृति को बचाने के लिए जागरूकता पैदा करके पहल की है ।उन्होंने सेव नेचर ब्रीद फ्री की अवधारणा में भारत को साइकिल से कवर करने के लिए चुना है ।
मणिकंदन एन. (सुजू) ने बताया की परिवहन के अधिक उपयोग और उद्योगों की वृद्धि के कारण प्रकृति को प्रदूषित किया जा रहा है । इसके बारे में लोगों को जागरूक नहीं किया जा रहा है। हम भी अधिक प्लास्टिक का उपयोग करते हैं जो पर्यावरण के अनुकूल नहीं है। हम सचमुच मजबूर हैं। हालांकि हम सभी को दोष देते हैं, लेकिन इसके लिए हम भी समान रूप से जिम्मेदार हैं।
उन्होने कहा की अब देर हो चुकी है और प्रकृति पीड़ित है लेकिन देर से आने से बेहतर है कि यह प्रकृति के लिए हमेशा अच्छी बात हो। प्रकृति को बचाना हमारी जिम्मेदारी है, तभी प्रकृति आपको शुद्ध सांस लेने में मदद करके बचाएगी।आपको बता दें कि मणिकंदन एन. (सुजू ) की ऑल इंडिया साइकिल यात्रा । 4 फरवरी 2022 को शुरू हुई है, उन्होंने ऊटी से 45 दिनों में तमिलनाडु को कवर किया है। वह अपनी सवारी में डॉ. सिलेंद्र बाबू आईपीएस से भी मिले हैं। आइए आप की उनकी पहल की सराहना करने के लिए समय निकालें और प्रकृति को बचाने के लिए छोटे-छोटे कदम उठाकर उनका समर्थन करें।
बताते चलें कि 29 अगस्त उन्होने लगभग 7000 किलोमीटर की दूरी तय की है , जिसमें कोलकाता, सिलीगुड़ी, दार्जिलिंग, सिक्किम, ब्रह्मपुत्र, पंजाब, कश्मीर, अमरनाथ, जोजिला दर्रा, लद्दाख शामिल हैं। अब वे उत्तराखंड में प्रवेश कर चुके हैं। तथा उत्तराखंड स्थित केदारनाथ धाम पहुंचने के बाद उनकी अंतिम ऑल इंडिया साइकिल यात्रा नेपाल में जाकर समाप्त हो जाएगी ।वही इस ऑल इंडिया साइकिल यात्रा के दौरान भाषा, जलवायु, पथ जैसी तमाम कठिनाइयों के बावजूद भी मणिकंदन एन. (सुजू ) केवल प्रकृति को सांस मुक्त एवं प्रदूषण से बचाने के लिए आगे बढ़ रहे हैl के इस जज्बे को सलाम है उनकी यह ऑल इंडिया साइकिल यात्रा निश्चित ही सुखद और बेहद खूबसूरत हो ।