32.2 C
Dehradun
Wednesday, June 18, 2025
Google search engine
Home उत्तराखंड यूसीसी ड्रॉफ्ट कमेटी का कार्यकाल बढ़ाया जाएगा

यूसीसी ड्रॉफ्ट कमेटी का कार्यकाल बढ़ाया जाएगा

0
यूसीसी ड्रॉफ्ट कमेटी का कार्यकाल बढ़ाया जाएगा

देहरादून। भले ही मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी बीते एक महीने से यूसीसी (समान नागरिक आचार संहिता) का ड्राफ्ट जल्द मिलने की बात करते रहे हो लेकिन भाजपा सरकार को अभी तक कमेटी ने ड्राफ्ट नहीं सौंपा है, जबकि कल 26 जनवरी को कमेटी का कार्यकाल समाप्त होने जा रहा है। इसलिए अब सरकार के पास कमेटी का कार्यकाल बढ़ाने के अलावा कोई और विकल्प नहीं बचा है।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार कमेटी द्वारा ड्राफ्ट तो बहुत पहले तैयार कर लिया गया है लेकिन सरकार अपनी सुविधानुसार ही ड्राफ्ट को कमेटी से लेना चाहती है। अब तक ड्राफ्ट सरकार को न मिलने के पीछे जो कारण बताया जा रहा है वह है ड्राफ्ट का हिंदी में अनुवाद न किया जाना। कमेटी द्वारा जो ड्राफ्ट तैयार किया गया है वह अंग्रेजी में है अब इसे हिंदी में ट्रांसलेट किया जा रहा है। इससे पूर्व भी कई बार समिति का कार्यकाल बढ़ाया जा चुका है जिसके लिए ऐसे ही कुछ कारण बताये जाते रहे हैं। कभी कहा जाता है कि प्रिंटिंग प्रेस में है और छपाई का काम बाकी है तो कभी कहा जाता है कि कुछ जरूरी संशोधन किए जा रहे हैं।
अभी विगत माह में जब कमेटी का कार्यकाल बढ़ाया गया तब से कहा जा रहा था कि समिति कभी भी सरकार को ड्राफ्ट सौंप सकती है और जैसे ही सरकार को ड्राफ्ट मिल जाएगा आगे की कार्यवाही शुरू की जाएगी। संभावनाएं जताई जा रही थी कि 22 जनवरी को राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा के बाद ड्राफ्ट सरकार को मिल जाएगा। संसदीय कार्य मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने तो यूसीसी और राज्य आंदोलन कारियों को 10 फीसदी क्षैतिज आरक्षण को लेकर विशेष सत्र बुलाने की बात भी कही गई थी। लेकिन अब वह भी कह रहे हैं कि विशेष सत्र की कोई जरूरत नहीं है। जब भी सत्र आहूत होगा तब यह दो प्रस्ताव भी सदन में लाये जाएंगे। इससे साफ होता है कि अभी समिति सरकार को ड्राफ्ट नहीं सौंपने जा रही है। अगर समिति ने आज इस ड्रॉफ्ट को नहीं सौंपती है तो सरकार की मजबूरी होगी कि वह समिति का कार्यकाल फिर से बढ़ाये। वह भी आज इसके आदेश गृह विभाग को जारी करने होंगे।
अयोध्या में राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा के बाद देश भर में जो भाजपा की लहर दिखाई दे रही है उसके मद्देनजर भाजपा ने अपनी चुनावी रणनीति में भी परिवर्तन किए हैं ऐसा कई राजनीति के जानकारों का मानना है।

 

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here