पौड़ी गढ़वाल: विधानसभा सत्र के दौरान मंत्री प्रेम चंद अग्रवाल के बयान पर विवाद बढ़ता ही जा रहा है। पहाड़ के अलग-अलग क्षेत्रों में हर दिन मंत्री के खिलाफ आंदोलन किए जा रहे हैं। पहाड़ की जनता मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल के इस्तीफे की मांग कर रही है।पहाड़ियों की इस मांग को तब बल मिल गया जब पौड़ी गढ़वाल से भाजपा सांसद और भाजपा के मुख्य प्रवक्ता अनिल बलूनी ने पहाड़ी लोगों के खिलाफ प्रेमचंद अग्रवाल की टिप्पणी को “दुखद और दुर्भाग्यपूर्ण” बताया। सांसद बलूनी ने कहा कि मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल द्वारा विधानसभा सत्र में दिए गए बयान बेहद “दुखद और दुर्भाग्यपूर्ण” हैं।बीते शुक्रवार को संसद अनिल बलूनी ने कोटद्वार में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान कहा कि “पूरा मामला बहुत दुखद और दुर्भाग्यपूर्ण है। मैं इस पार्टी का मुख्य प्रवक्ता हूं और मुझे मर्यादा बनाए रखनी है। लेकिन मैंने उचित मंचों पर इस मामले को मजबूती से उठाकर अपना कर्तव्य निभाया है।” सांसद अनिल बलूनी को यह बयान दिए हुए अभी 24 घंटे का वक्त ही हुआ था की सरकार ने प्रेमचंद अग्रवाल को नई जिम्मेदारी दे दी। सांसद अनिल बलूनी के द्वारा उचित फॉर्मेट पर यह मुद्दा उठाने के बाद भी अगर प्रेमचंद अग्रवाल को नई-नई जिम्मेदारियां दी जाती हैं तो एक सवाल यह उठता है कि क्या सांसद अनिल बलूनी ने मुद्दा सही प्लेटफॉर्म पर ही उठाया था ? सियासी गलियारों में सुगबुगाहट है कि शायद प्लेटफॉर्म सही था पर सुनने वाले ने गलत सुन लिया। जनता ने कहा प्रेमचंद इस्तीफा दो.. सरकार ने सुना प्रेमचंद को नई जिम्मेदारी दो।
अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने कहा सड़क छाप नेता
अनिल बलूनी के अलावा भाजपा अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने भी इस मामले पर अपना बयान दिया था, लेकिन उनके बयान से पहाड़ियों में अधिक आक्रोश बढ़ गया। अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने कहा कि आगामी 2027 में चुनाव होने वाले हैं, ऐसे में कुछ “सड़क छाप नेता” किसी ना किसी विषय को लेकर आंदोलन की रूपरेखा तैयारी कर रहे हैं। उन्होंने विकास के किसी विषय को लेकर अगर गैरसैण का आंदोलन होता, तो तो आंदोलन उचित माना जाता, लेकिन मंत्री को हटाने या बनाने के लिए प्रदर्शन करना सही नहीं है। उन्होंने कहा कि इस तरह किसी व्यक्ति विशेष के लिए भीड़ को एकत्रित करना बिलकुल सही नहीं है। उनके इस बयान ने पहाड़ी समुदाय की भावनाओं को ठेस पहुंचाई। लेकिन सांसद अनिल बलूनी के बयान ने पहाड़ी जनता को को एक उम्मीद दी है।