हार्ट का वाल्ब पेट में पहुंचा ग्राफिक एरा में दुर्लभ मामले में उपचार का नया कीर्तिमान

ग्राफिक एरा अस्पताल के विशेषज्ञों ने हार्ट के बहुत जटिल व दुर्लभ मामले में उपचार करने में सफलता प्राप्त की है। ऐसे प्रकरणों का उल्लेख देश और विदेश के मेडिकल जर्नल्स में भी नहीं है। कुछ ही समय में यह ग्राफिक एरा अस्पताल का 6वां बड़ा कीर्तिमान है।

 

आज पत्रकारों से बातचीत करते हुए ग्राफिक एरा मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ एस एल जेठानी ने कहा की नई टेक्नोलॉजी और सधे हुए हाथों ने जटिल मामलों में उपचार में कामयाबी हासिल करके जिंदगी को भरोसे से जोड़ने का काम किया है।

 

ग्राफिक एरा अस्पताल के हार्ट सर्जन डॉ. अखिलेश पांडे ने बताया कि तीन साल पहले ओपन हार्ट सर्जरी करा चुके 19 वर्षीय युवक का मामला चिकित्सा क्षेत्र के लिए एकदम अलग तरह का पेचीदा केस था। इस तरह का ये पहला मामला है, जिसमें हृदय में तीन साल पहले लगाया गया वाल्व संक्रमण होने और टांके गलने के कारण निकलकर युवक के पेट की नसों में जाकर अटक गया था। उस समय ओपन हार्ट सर्जरी करके दिल का छेद बंद करने के बाद टांके लगाकर यह आर्टीफिशियल वाल्व लगाया गया था। जिस जगह ये वाल्व लगा था, वहां काफी संक्रमण हो गया था। रोगी की जांच करने पर पता चला कि वाल्व वहां है ही नहीं।

 

डॉ अखिलेश ने बताया कि वाल्व पेट में फंसा मिलने पर पहले उसे बैलून से खींचकर सीने तक लाया गया। इस तरह के किसी मामले का देश विदेश के चिकित्सा से जुड़े जर्नल्स में भी कोई उल्लेख नहीं है। पुराना वाल्व निकालने के बाद सर्जरी करके नया वाल्व लगा दिया गया है। इस युवक की दूसरी बार ओपन हार्ट सर्जरी की गई।

 

उन्होंने बताया कि सर्जरी के तीन दिन बाद युवक चलने फिरने लगा है और उसके स्वास्थ्य में तेजी से सुधार आ रहा है। यह ऑपरेशन करने वाली टीम में डॉ अखिलेश पांडेय के साथ हार्ट सर्जन डॉ. पुलकित मल्होत्रा व एनेस्थीसिया स्पेशलिस्ट डॉ. एस. पी. गौतम शामिल थे। हार्ट का ये आपरेशन कराने वाले ऋषिकेश निवासी युवक मोहित ने कहा कि ग्राफिक एरा अस्पताल के विशेषज्ञों ने उसे एक नया जीवन दिया है। सरकार की आयुष्मान कार्ड पर पूरा इलाज कैशलैस कराने की व्यवस्था के कारण उसका परिवार बहुत बड़ी परेशानी से बच गया है। पत्रकार वार्ता में ग्राफिक एरा अस्पताल के निदेशक डॉ पुनीत त्यागी ने बताया कि ग्राफिक एरा में ढाई ईंच के चीरे से बाईपास हार्ट सर्जरी की जा रही है। विश्व स्तर की तकनीकें इस अस्पताल में उपलब्ध हैं।

 

गौरतलब है कि इससे पहले ग्राफिक एरा अस्पताल के विशेषज्ञ चिकित्सक ब्रेन में पेसमेकर लगाने, जटिल मामले में छोटे बच्चे को तीसरा पेसमेकर लगाने, बिना ऑपरेशन हार्ट के दो वाल्व एक साथ बदलने, बिना ऑपरेशन अवरुद्ध आहार नली खोलने, हड्डी काटे बिना करीब ढाई ईंच के चीरे के जरिये ओपन हार्ट सर्जरी करने जैसी कीर्तिमान बनाकर चिकित्सा क्षेत्र में विशेष स्थान हासिल कर चुके हैं। पत्रकार वार्ता में सीओओ अतुल बहल और निदेशक अवस्थापना डॉ सुभाष गुप्ता भी मौजूद थे।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here