अभी तक कोरोना का खतरा टला नहीं है। कोरोना के विरुद्ध जंग लड़ने के लिए सम्पूर्ण देश में टीकाकरण अभियान जोर शोर से चल रहा है। हमारे स्वास्थ्यकर्मी मुश्किल हालातों में भी टीकाकरण अभियान चला रहे हैं और अपनी जिम्मेदारियों से मुंह नहीं मोड़ रहे हैं। बल्कि बखूबी निभा रहे है। वहीं उत्तरकाशी के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र मोरी में तैनात एग्जिलरी नर्स मिडवाइफरी कुलवंती रावत भी टीकाकरण अभियान में अपनी अहम भूमिका निभाती हुई नजर आ रही हैं। आपको बता दे की 4 माह की गर्भवती होने के बावजूद भी उनका हौसला कम नहीं हुआ। टीकाकरण के लिए वे गर्भ में बच्चा लिए पहाड़ों के दुर्गम व कठिन रास्ते नाप कर लोगों के सामने जीती-जागती मिसाल पेश कर रही हैं। हाल ही में कुलवंती को चमोली जनपद के सरास समेत अन्य गांवों में लोगों की वैक्सिनेशन के लिए जाना था। रास्ता बेहद दुर्गम था और पक्की सड़क न होने के चलते गांवों तक वाहन जाने की भी सुविधा नहीं थी। उसके बावजूद भी गर्भवती कुलवंती रावत का हौसला नहीं डगमगाया । सबसे पहले तो कुलवंती कुछ किलोमीटर तक स्वास्थ्य टीम के साथ जेसीबी में बैठ कर गई और उसके बाद ऊबड़खाबड़ पथरीले रास्तों में 4 किलोमीटर पैदल चलकर गांव पहुंचीं जहां पर उन्होंने लोगों का वैक्सीनेशन किया। उनके इस जज्बे को देखकर स्वास्थ्य केंद्र के लोगों ने उनको खूब सराहा।बता दें कि हाल ही में कुलवंती रावत स्वास्थ्य टीम सोनम रावत और बलबीर चौहान के साथ टीकाकरण करने मोरी के सुदूरवर्ती गांव सर सरास, बामसू, ओडाता और तली गांव में गईं थी । यह गांव मोरी ब्लॉक मुख्यालय से तकरीबन 40 किलोमीटर दूरी पर स्थित हैं। कुलवंती रावत 4 माह की गर्भवती हैं लेकिन इसके बावजूद भी पहाड़ों का दुर्गम रास्ता उनके जज्बे को हिला न सका और उन्होंने जोखिम भरे रास्तों पर पैदल चलने का फैसला लिया। पहले उन्होंने अपनी टीम के साथ जेसीबी में बैठकर कच्ची सड़क को पार किया । उसके बाद वे उबड़खाबड़ रास्तों पर पैदल चलकर गांव तक पहुंचीं और उन्होंने सड़क निर्माण कार्य में लगे सभी श्रमिकों का मौके पर ही टीकाकरण किया तथा उसके बाद स्वास्थ्य टीम के साथ पैदल ही अंतिम गांव के टीकाकरण के लिए निकली । पूरी टीम ने 1 दिन में 270 ग्रामीणों का टीकाकरण किया। डॉक्टर नितेश रावत ने सभी स्वास्थ्य कर्मियों और खास करके कुलवंती रावत को बधाई दी है। उन्होंने कहा है कि मोरी ब्लॉक में सड़कें बदहाल हैं और आवाजाही में काफी समस्या हो रही है परन्तु इसके बावजूद भी स्वास्थ्य कर्मियों का हौसला बरकरार है और उनके उत्साह में कोई कमी नहीं है। ऐसे ही कर्मठ कर्मियों के चलते उत्तराखंड राज्य के दुर्गम क्षेत्रों में बसे गांवों में भी जोरों-शोरों के साथ टीकाकरण अभियान का कार्य चल रहा है। उनका कहना है कि कोविड-19 का उपचार बेहद जरूरी है और स्वास्थ्य कर्मी यह बात अच्छी तरह से जानते हैं यही कारण है कि टीकाकरण अभियान में सभी स्वास्थ्य कर्मी एकजुट होकर आगे आ रहे हैं और कोरोना संक्रमण से लड़ने में अपना अहम योगदान दे रहे हैं।