आप सभी को अवगत करा दें कि देवभूमि उत्तराखंड में 3 मई से चार धाम यात्रा का आगाज हो चुका है इस यात्रा का साक्षी बनने के लिए देश भर से लोग चारों धामों में भगवान के दर्शन हेतु उमड़ रहे हैं तो वही बात की जाए बाबा केदारनाथ धाम की तो यहां पर सबसे अधिक संख्या में श्रद्धालुओं की भीड़ भाड़ देखने को मिल रही है तो वही श्रद्धालुओं की भीड़ मेंकुछ लोग ऐसे भी हैं जो इन तीर्थ स्थलों की पवित्रता धूमिल करने और आस्था के साथ खिलवाड़ भी नजर आ रहे हैं आ रहे हैं ।वही इस बीच सोशल मीडिया पर बड़े ही तेजी के साथ एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें 1 श्रद्धालु जूते पहनकर और साथ में कुत्ते को लेकर बाबा केदारनाथ मंदिर के प्रांगण में पहुंचा है यही नहीं बल्कि उसने कुत्ते के पंजों को नंदी भगवान को स्पर्श करायाइस शख्स ने खुद भी जूते पहन कर नंदी को स्पर्श किया आप इन तस्वीरों में देख सकते हैं कि किस प्रकार से इस व्यक्ति ने जूते पहने हुए अपने पालतू कुत्ते के पंजों से नंदी को स्पर्श कराया ।इस वीडियो के वायरल होते ही बदरीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति हरकत में आई है और जिसके बाद उन्होंने वायरल वीडियो का संज्ञान लेते हुए मुख्य मंदिर के सामने स्थित नंदी की मूर्ति को कुत्ते के पंजों से स्पर्श कराने वाले व्यक्ति के विरुद्ध कार्रवाई का निर्देश दिया है साथ ही समिति ने मंदिर परिसर में मौजूद सभी पुजारियों और लोगों की लापरवाही पर भी गहन चिंता व्यक्त की है
, उन्होंने संबंधित पुजारियों और अधिकारियों को इस प्रकार की घटना को नहीं दोहराने की चेतावनी भी दी है आपको बताते चलें कि बाबा केदारनाथ धाम मंदिर का एक वीडियो सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म इंस्टाग्राम पर तेजी के साथ वायरल हो रहा है रेल रूपी इस वीडियो में एक साइबेरियन हस्की ब्रीड के कुत्ते को लेकर उसका मालिक केदारनाथ धाम प्रांगण में पहुंच गया और इस कुत्ते को उसके मालिक द्वारा केदारनाथ धाम के दर्शन करवाएं , कुत्ते के मालिक ने पहले नंदी की प्रतिमा को कुत्ते के पंजे से स्पर्श कराया और शेर माथा टेकवाया यही नहीं हद तो तब हुई जब वहां मौजूद पंडित ने भी कुत्ते का तिलक कर दिया और यह वीडियो यहीं नहीं रुकी बल्कि युवक ने खुद जूते पहनकर नंदी भगवान के दर्शन किए इस वीडियो को स्टार्ट ग्राम और यूट्यूब में भी अपलोड किया गया है वीडियो वायरल होने पर लोगों ने आपत्ति जताई और कई तरह के सवाल उठाए खासकर आस्था के साथ इतना बड़ा खिलवाड़ करने को लेकर लोगों में अधिक आक्रोश है ।