वर्तमान में राजनीतिक दल अपने वोट बैंक बनाए रखने की खातिर धर्म और राजनीति के आधार पर जनता को गुमराह करते चले आ आ रहे हैं। उत्तराखंड समानता पार्टी का गठन किए जाने का उद्देश्य वर्तमान में राजनीतिक पार्टियों द्वारा विभिन्न धर्मों और जातियों में बनाई गई दूरी को समाप्त करके सभी वर्गो,जातियों, धर्मों से समान व्यवहार करते हुए सबके विकास एवं उत्थान के लिए कार्य करने के लिए किया गया है। पार्टी का भारत निर्वाचन आयोग द्वारा 7 फरवरी 2022 को पंजीकरण किया गया है। वर्तमान में राज्य के मूल निवासी जिन समस्याओं से जूझ रहे हैं उनमें मुख्यतः सशक्त भू कानून लागू न किया जाना तथा मूल निवास 1950 बहाल न किया जाना प्रमुख हैं।इसके अलावा राज्य वासियों के हक हकूक जो छीन लिए गए हैं उनको बहाल किया जाए , यह हमारी मांग है। राज्य में चकबन्दी की भी नितांत आवश्यकता है। पार्टी द्वारा अपने पत्र दिनांकित 30.10.21 द्वारा सरकार द्वारा गठित भू कानून सुधार से संबंधित समिति को अपने सुझाव भेजे हैं
पार्टी द्वारा उत्तराखंड में वन अधिनियम में आवश्यक संशोधन किए जाने/ कुछ अधिनियम के प्राविधानों को निरस्त किए जाने तथा उत्तराखंड वासियों के हक हकूक बहाल किए जाने की मांग को लेकर भी दिनांक 24 जुलाई 2022 को पत्र लिखा है। हमने 7 अगस्त 2022 को राज्य आंदोलनकारियों के साथ भू कानून लागू किए जाने तथा मूल निवास 1950 को बहाल किए जाने की मांग को ले कर देहरादून में धरना प्रदर्शन भी किया। पार्टी की मांग है कि राज्य में हिमाचल की तर्ज पर सशक्त भू कानून लागू किया जाए। समानता के उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए पार्टी की मांग है कि वर्तमान में जाति के आधार पर जो आरक्षण दिया जा रहा है उसके स्थान पर आरक्षण आर्थिक आधार पर कर दिया जाना चाहिए ताकि सामाजिक एवं आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग वर्ग को भेदभाव रहित उन्नति प्राप्त हो सके। एससी एसटी (एट्रोसिटि) एक्ट की दोषपूर्ण धाराओं जैसे कि बिना जांच के गिरफ्तारी किया जाना सही नहीं है को समाप्त किया जाये, जिसके कारण बहुत बार किसी निर्दोष व्यक्ति पर झूठे आरोप लगाकर उसे फंसा दिया जाता है तथा उस निर्दोष व्यक्ति को बिना जांच के जेल में डाल दिया जाता ह। अत: बिना जांच के गिरफ्तार किया जाना सही नहीं है अतः इस धारा को समाप्त किया जाना चाहिए । हमारा मुख्य उद्देश्य है कि समाज के किसी भी वर्ग के साथ अन्याय या उसका अहित न हो। अनारक्षित वर्ग अर्थात सवर्णों के हित के लिए भी अनुसूचित जाति जनजाति , obc आयोग, अल्पसंख्यक आयोगों की ही भांति आयोग बनाने की आवश्यकता है।अतः हम सवर्ण आयोग की स्थापना की मांग करते हैं।वर्तमान में देश में भ्रष्टाचार चरम सीमा पर पहुंच गया है तथा सीबीआई और ई डी को जगह जगह पर छापे मारने पढ़ रहे हैंं। भ्रष्टाचार कम होने का नाम नहीं ले रहा है। अतः हमारी मांग है की एक अधिकार संपन्न लोकायुक्त का शीघ्र गठन.किया जाए। राज्य को अस्तित्व में आए 22 वर्ष हो गए हैं तथा तब से राज्य के लोग गैरसैण को राज्य की राजधानी बनाने के लिए आंदोलनरत हैंँ।परंतु राज्य सरकार ने अब राज्य की दो राजधानियां बना दी है । एक शीतकालीन तथा दूसरी ग्रीष्मकालीन। दो राजधानियां बनाने से राज्य पर आर्थिक बोझ बढ़ेगा। हमारी मांग है कि गैरसैण को पूर्णकालिक राजधानी बना दिया जाए। राज्य में बेरोजगारी अपनी चरम सीमा पर है जिसे दूर करने की आवश्कता है। जब तक इस राज्य में बेरोजगारी को नहीं दूर नहीं किया जाता तब तक राज्य से पलायन को रोकना संभव नहीं है। पलायन रोकने के लिए अनिवार्य रोजगार गारंटी योजना को कार्यान्वित करना होगा।सरकारी सेवाओं हेतु पर्वतीय उपसंवर्ग का गठन किया जाना चाहिए । इसके साथ ही उत्तराखंड को बंगलुरु, हैदराबाद, महाराष्ट्र , तमिलनाडु, नोएडा आदि की भांति आईटी हब के रूप में विकसित किया जाना पार्टी का उद्देश्य है। राज्य के जल ,जंगल , जमीन की रक्षा की जाएगी। दुग्ध उत्पादन, बायोगैस प्लांट, मत्स्य पालन भीड़ पालन, मौन पालन,फूल फल एवं सब्जियों का उत्पादन आदि कार्य बृहद एवं व्यावसायिक स्तर पर किए जाने चाहिए। स्वरोजगार हेतु संसाधन उपलब्ध कराना, जल जंगल जमीन की रक्षा तथा इन्हें रोजगार परक योजनाओं से जोड़ा जाना,धार्मिक साहसिक एवं सामान्य पर्यटन की गतिविधियों को बढ़ाना तथा इसकी विस्तृत कार्य योजना बनाकर इसे स्थाई रोजगार से जोड़ा जाना आवश्यक है।सभी रिक्त पदों पर अविलंब भर्ती अभियान चलाए जाने की आवश्कता है, प्रतिवर्ष रिक्त होने वाले पदों पर नियमित नियुक्तियां जारी रखा जाना हमारी प्राथमिकता होगी। राज्य की भौगोलिक परिस्थिति को देखते हुए यहां पर विधानसभाओं का परिसीमन क्षेत्रफल के आधार पर किया जाना अत्यंत आवश्यक है। कर्मचारियों की पुरानी पेंशन बहाली तथा गोल्डन कार्ड की अव्यवस्था को ठीक करना भी पार्टीे की मांग है।राज्य में नशे की लत बढ़ती जा रही है अतः यहां के युवाओं को नशे से बचाने के लिए नशा मुक्त राज्य का भी हमारा एक सपना है।हमारी मांग है कि त्वरित न्याय प्रदान करने के उद्देश्य से ग्राम अदालतों का गठन किया जाए तथा पुलिस सुधार की अनुशंसा को लागू किया जाए। पार्टी सभी नागरिकों को उच्चकोटि की शिक्षा,उत्कृष्ठ चिकित्सा तथा महिला सशक्तिकरण के लिए कार्य करेगी।जैविक आधारित कृषि को प्रोत्साहित किया जाएगा तथा संपूर्ण कृषि को रोजगार से जोड़ा जाएगा। राज्य में घुसपैठियों तथा अतिक्रमण को चिन्हित कर राज्य से बाहर किया जाएगा। रज्य की बोली भाषा का संरक्षण एवं संवर्धन किया जाना भी पार्टी का उद्देश्य है।
राज्य के सर्वांगीण विकास हेतु उत्तराखंड समानता पार्टी का गठन किया गया है जिसके प्रमुख उद्देश्यों को उपरोक्तानुसार उद्धृत किया गया है । आप सभी पत्रकार बंधुओं का पार्टी हार्दिक अभिवादन करती है एवं निवेदन करती है की प्रजातंत्र के चौथे स्तंभ मीडिया द्वारा पार्टी को यथोचित सहयोग एवं समर्थन दिया जाएगा नवीन कांडपाल। चंदन सिंह नेगी केंद्रीय अध्यक्ष। प्रमुख महासचिव उतराखण्ड सरकार सबसे पहले भू कानून लाये। इसमें देरी स्वीकार्य नहीं है। सरकार ने इसे लटकाने के लिए समिति बनाई है लोकायुक्त की नियुक्ति तुरन्त हो ।मन्त्रियों, विधायकों और अधिकारियों की सम्मपतियों की जांच हो। • वन यहाँ की सबसे बड़ी प्राकृतिक सम्पदा एंव धरोहर है इसलिए प्रदेश की वन नीति घोषित हो जिससे कि इस वन सम्पदा का राज्य एंव जनहित में कैसे इस्तेमाल हो, और कैसे इसका दोहन किया जाय फारेस्ट कवर जो कि वर्तमान में 71% है इसे कहाँ तक ले जाना हैं ये तय होना चाहिए अन्यथा 80-85% फारेस्ट में फिर यहाँ पहाड़ों में तो रहना बहुत मुश्किल या असम्भव हो जायेगा।पहाड़ो में भी अब सिविल पुलिस की तैनाती हो ।स्कूल एंव अस्पतालों के लिए पहाड़ के लिए अलग कैडर बनाया जाये।