बालीवुड फिल्म ‘स्पेशल 26’ की तर्ज पर ऋषिकेश में भी कुछ ठगों ने एक व्यक्ति को लाखों रुपये का चूना लगा दिया। मगर, उनकी यह चालाकी ज्यादा देर टिक नहीं पाई। गिरोह के तीन सदस्यों को स्थानीय नागरिकों की मदद से पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। दो आरोपित मौके से फरार हो गए। पुलिस फरार आरोपितों की तलाश में जुटी है।घटना ऋषिकेश कोतवाली के वाल्मीकि नगर की है। शुक्रवार सुबह करीब साढ़े चार बजे डाकघर कर्मचारी संदीप पुत्र राम सिंह के घर पर पांच लोग पहुंचे, जिनमें एक महिला भी शामिल थी। उन्होंने बताया कि वह आयकर अधिकारी हैं और उन्हें इस घर में अवैध ज्वेलरी तथा नकदी होने की सूचना मिली है जिसकी जांच करने वह आए हैं। संदीप ने उनसे पहचान पत्र दिखाने को कहा तो उन्होंने आयकर विभाग का आइकार्ड और सर्च वारंट दिखाया। जिसके बाद कथित आयकर अधिकारियों ने घर को खंगालना शुरू कर दिया। घर में शादी के लिए नकदी और ज्वेलरी रखी थी, जिसे कथित आयकर अधिकारियों ने जब्त कर लिया और अपने साथ ले जाने लगे।संदीप ने जब उनके साथ जाने की बात कही तो उन्होंने संदीप से दस बजे आइडीपीएल स्थित आयकर कार्यालय में आने को कही। जिस पर संदीप को उक्त व्यक्तियों पर शक हो गया। संदीप ने उन्हें रोकने की कोशिश की तो उक्त व्यक्ति गाली-गलौच करने और धमकी देने लगे। इस दौरान नकदी व ज्वेलरी से भरा बैग लेकर एक व्यक्ति व महिला वहां से भाग गए। शोरगुल सुनकर आसपास के लोग भी मौके पर एकत्र हो गए और उन्होंने शेष तीन व्यक्तियों को पकड़ लिया।
सूचना पाकर मौके पर पहुंची पुलिस ने तीनों व्यक्तियों को हिरासत में ले लिया। पूछताछ में तीनों आरोपितों ने पुलिस को अपने नाम नवदीप सिंह निवासी गांधी कालोनी फरीदाबाद हरियाणा, महेंद्र निवासी मकान नंबर कृष्णा एनक्लेव डिचाऊ कलां नजफगढ़ दिल्ली तथा सुमित कुमार केशव निवासी अमित ग्राम, गुमानीवाला श्यामपुर ऋषिकेश बताया। पुलिस ने उनके पास से फर्जी सर्च वारंट तथा आयकर विभाग का फर्जी आइडी कार्ड भी बरामद किया है। कोतवाली प्रभारी निरीक्षक रवि सैनी ने बताया कि पीडि़त की तहरीर पर मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। फरार आरोपितों की गिरफ्तारी तथा माल की बरामदगी के लिए भी पुलिस टीमें रवाना की गई हैं।फर्जी आयकर अधिकारी बनकर डाक विभाग के कर्मचारी के घर पहुंचे ठगों का अंदाज बेहद शातिराना था। संदीप ने बताया कि उनके परिवार में शादी है इसलिए कुछ दिन पूर्व वह ज्वेलरी बनाकर घर लाए थे वहीं नकदी भी उन्होंने घर पर ही रखी थी। उन्होंने बताया कि सुबह-सबेरे जब उनके दरवाजे पर दस्तक हुई तो उन्होंने बिना दरवाजा खोले ही बाहर खड़े व्यक्तियों से उनका परिचय पूछा, जिसपर उन्होंने स्वयं को इनकम टैक्स विभाग का बताकर घर की तलाशी लेने की बात कही। उन्होंने बताया कि जब उन्होंने दरवाजा खोला तो संबंधित व्यक्तियों ने उनके घर के सदस्यों के मोबाइल जब्त कर उन्हें स्विच आफ करा दिया। उनके पास जो सर्च वारंट और आइडी कार्ड थे, उन्हें देखने के बाद उन्हें विश्वास हो गया था कि उक्त लोग इनकम टैक्स विभाग से ही हैं।इस मामले में बड़ा सवाल यही है कि आखिर ठगों को इस बात का पता कैसे चला कि डाक कर्मी के घर में लाखों की नगदी और गहने रखे हैं। पुलिस भी इस बिंदु पर फोकस कर जांच कर रही है। पुलिस को आशंका है कि इस मामले में कोई नजदीकी व्यक्ति ठगों का भेदिया हो सकता है। हालांकि अभी तक की पूछताछ और जांच में इतना ही साफ हो पाया कि फरार शख्स ही इस गिरोह का मास्टर माइंड है।