उत्तरकाशी की नेलांग घाटी में बना 150 साल पुराना लकड़ी का पुल टूरिस्टों के लिए खोल दिया गया है। उत्तराखंड के पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने पर्यटकों और आम जनता से अपील की है कि इस महत्वपूर्ण स्थान को जाकर देखें और अनुभव करें। उन्होंने कहा की खास कर इस पुल को कश्मीर के पठानों ने बनाया है। यह पुल 1962 में भारत-चीन युद्ध के बाद बंद कर दिया गया था। पर्यटन मंत्री ने कहा कि ये पुल ऐतिहासिक और रणनीतिक महत्व का है।
एक समय में यह भारत और तिब्बत के बीच सीमा पार व्यापार का मुख्य रास्ता था। इसे भैरोंघाटी के नजदीक खड़ी चट्टानों पर लोहे की रॉड के साथ लकड़ियां बिछाकर बनाया गया है। 11 हजार फीट की ऊंचाई पर बना यह पुल इंजीनियरिंग का नायाब नमूना है। कारीगरी और हिम्मत की मिसाल देश के किसी भी अन्य हिस्से में देखने के लिए नहीं मिलती। यह पुल उनसठ साल बाद आम जनता के लिए खुला गया है।