34.9 C
Dehradun
Saturday, April 19, 2025
Google search engine

वीर बाल दिवस समरसता व सामाजिक एकता का प्रेरणापुंजः राज्यपाल

देहरादून। राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) ने वीर बाल दिवस के अवसर पर कहा कि आज वीर साहिबजादों के त्याग, बलिदान, शौर्य व पराक्रम की पराकाष्टा को याद करने का दिन है जिन्होंने अपने राष्ट्र धर्म और अपनी संस्कृति के लिए सर्वाेच्च बलिदान दिया। उन वीर सपूतों ने हमें यह बताया कि एक समाज और राष्ट्र के लिए सर्वाेच्च बलिदान किस प्रकार होना चाहिए। सर्वाेच्च बलिदान का यह उदाहरण पूरी मानवता में अलग ही है। उन्होंने कहा कि नन्हें साहिबजादों ने क्रूर अत्याचारियों की बात नहीं मानते हुए सिख धर्म की उस महान परंपरा को आगे बढ़ाया जिसमें अन्यायी शासकों के सामने कभी न झुकने की महान शिक्षा दी है। वीर बाल दिवस के अवसर पर राजभवन में संस्कृत विश्वविद्यालय के तत्वावधान में आयोजित कार्यक्रम में राज्यपाल ने बाबा जोरावर सिंह, बाबा फतेह सिंह और माता गुजरी को श्रद्धांजलि अर्पित कर नमन किया। उन्होंने गुरु गोबिंद सिंह के महान बलिदानी पुत्रों की शहादत को वीर बाल दिवस के रूप में मनाये जाने की सोच के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का धन्यवाद किया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने ऐसे योद्धाओं के बलिदान को चिरस्थायी बनाने का जो कार्य किया है उसे युगों-युगों तक याद किया जाएगा।
राज्यपाल ने कहा कि वीर बाल दिवस समरसता व सामाजिक एकता का प्रेरणापूंज है। उन्होंने कहा कि वीर बाल दिवस का संदेश पूरी दुनिया और मानवता को स्वाभिमानपूर्ण साहस और बलिदान से अवगत कराएगा। उन्होंने कहा कि यह दिवस राष्ट्र भक्ति के लिए करोड़ों बच्चों को प्रेरित करेगा। राज्यपाल ने कहा कि वीर साहिबजादों के बलिदान से हमें विषम परिस्थितियों में अपने आप को संयमित रखने की सीख मिलती है। उन्होंने कहा कि सिख धर्म, धर्म ही नहीं बल्कि राष्ट्रप्रेम की भावना के साथ जीवन जीने की सभ्यता है। सिख धर्म ने पूरे भारत को एक भारत, श्रेष्ठ भारत का मार्ग प्रशस्त किया है। इस अवसर पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने वीडियो संदेश के जरिये गुरु गोबिंद सिंह के चार वीर साहिबजादों को उनकी धर्म, निष्ठा, अनुकरणीय साहस और सर्वाेच्च बलिदान के लिए कोटि-कोटि नमन करते हुए उन्हें अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने कहा कि भारतीय संस्कृति व धर्म की रक्षा के लिए दी गई इस शहादत जैसा दूसरा कोई उदाहरण शायद ही हमें कहीं और सुनने या देखने को मिलता हो। मुख्यमंत्री ने कहा कि वीर बाल दिवस हमें याद दिलाता है कि धर्म, निष्ठा और शौर्य की पराकाष्टा के समय आयु मायने नहीं रखती यह दिन हमें चार साहिबजादों विशेष रूप से उनके पुत्र जोरावर सिंह और फतेह सिंह द्वारा छोटी सी आयु में सिख परंपरा और देश के स्वाभिमान के लिए दिए गए सर्वाेच्च बलिदान के लिए याद दिलाता है।
उन्होंने कहा कि सभी सिख गुरुजनों ने हमेशा राष्ट्र को प्रथम रखते हुए पूरे राष्ट्र को एक सूत्र में पिरोन का कार्य किया है और पूरी दुनिया में मानवता की सेवा के लिए अपने निशान छोड़े हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि गुरु गोबिंद सिंह जी के परिवार की शहादत को आज भी इतिहास की सबसे बड़ी शहादत माना जाता है। उन्होंने कहा कि कृतज्ञ राष्ट्र गुरु पुत्रों के बलिदान को सदेव स्मरण रखेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार विरासत और विकास दोनों को महत्व देती है इसलिए हमारे यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चार साहिबजादों के सर्वाेच्च बलिदान को सम्मान देते हुए देश भर में 26 दिसंबर को वीर बाल दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया है। वीर बाल दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में हेमकुंड मैनेजमेंट ट्रस्ट के अध्यक्ष नरेंद्रजीत सिंह बिंद्रा और पंजाब विश्वविद्यालय के प्रो. दलजीत सिंह ने वीर साहिबजादों को याद करते हुए इस दिवस के महत्व पर अपने वक्तव्य रखे। इस अवसर पर तरनजीत सिंह सेठी द्वारा वीर साहिबजादों पर आधारित शबद कीर्तन और कृत कौर द्वारा एक कविता सुनाई गई। कार्यक्रम में संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. दिनेश चन्द्र शास्त्री ने सभी उपस्थित गणमान्य लोगों का स्वागत किया। कार्यक्रम में कुलपति प्रो. दिनेश चन्द्र शास्त्री द्वारा एक वर्ष के दौरान किये गये कार्यों एवं उपलब्धियों से संबंधित कॉफी टेबल बुक ‘‘आरोही’’ का विमोचन राज्यपाल के द्वारा किया गया। वीर बाल दिवस के अवसर में विधि परामर्शी राज्यपाल अमित कुमार सिरोही, अपर सचिव राज्यपाल स्वाति एस. भदौरिया, तकनीकी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. ओंकार सिंह, वानिकी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. डॉ. परविंदर कौशल, चिकित्सा शिक्षा विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. हेम चंद्र, आयुर्वेदिक विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. अरुण कुमार त्रिपाठी, प्रबंधक गुरुद्वारा रीठा साहिब बाबा श्याम सिंह, उपाध्यक्ष राज्य किसान आयोग राजपाल सिंह, उपाध्यक्ष राज्य अल्पसंख्यक आयोग इकबाल सिंह, पंजाबी सिंह सभा और राष्ट्रीय सिंह संगत के सदस्यगण एवं अन्य गणमान्य लोग उपस्थित रहे।

Related Articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Latest Articles

error: Content is protected !!