उत्तराखण्ड की राजधानी देहरादून जनपद के रायवाला क्षेत्र से हैरान कर देने वाली खबर सामने आई है। जहां नवजात शिशु के जन्म के तुरंत बाद ही उसे सड़क पर मरने के लिए छोड़ दिया गया।एक पल के लिए भी उस मां को अपनी ममता याद नहीं आई कि जिस बच्चे को नौ महीने तक गर्भ में अपने खून से सींचा उसे कैसे सड़क किनारे मरने के लिए छोड़ गयी। वहीं माँ ने तो बच्चे को मरने के लिये छोड़ दिया लेकिन इस बच्चे के लिए खाकी देवदूत साबित हुई। जो फरिस्ता बन कर आये। जी हाँ सही सुना आपने आपको बता दें उत्तराखण्ड पुलिस के दो जवान संदीप और सोमवीर बीती देर रात करीब दो बजे नेपालीफार्म के निकट गश्त पर निकले। जहां उन्होंने सड़क किनारे ईंटों के पीछे चादर में लिपटी बच्ची देखी और हैरान रह गए। जिसके बाद जवानों ने तुरंत इसकी सूचना रायवाला थाने को दी। थाने से वाहन मंगवाया गया। जिसकी मदद से बच्ची को राजकीय चिकित्सालय ऋषिकेश भेजा गया। जहां डॉक्टरों ने बच्ची को बिलकुल स्वस्थ बताया है। गनीमत ये रही कि बच्ची को जवानों ने देख लिया । वरना कुछ भी हो सकता था। ।
वहीं रायवाला के थानाध्यक्ष अमरजीत सिंह रावत ने बताया कि बच्ची कुछ देर पूर्व ही जन्मी थी। किसी ने बच्ची को सड़क किनारे पड़ी ईंटों के पीछे रख दिया था। वो तो गश्त करने गई टीम की सजगता ही थी जिसके कारण बच्ची की जान बच पायी । पुलिस ने बताया कि मामले की पड़ताल की जा रही है।