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सीबीआई हरीश रावत के घर लेकर पहंुची नोटिस

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सीबीआई हरीश रावत के घर लेकर पहंुची नोटिस
Justice Shri T.S. Doabia presenting the report of the Committee set up to study and suggest changes required in the existing River Board Act, 1956 for Optimal Development of a River Basin to the Union Minister for Water Resources, Shri Harish Rawat, in New Delhi on November 06, 2012.

देहरादून। वर्ष 2016 में सामने आए चर्चित विधायक हॉर्स ट्रेडिंग मामले को लेकर गुरूवार सीबीआई की टीम नोटिस लेकर पूर्व सीएम हरीश रावत के घर पहुंची। इस दौरान हरीश रावत घर पर नहीं थे। इस बात को लेकर उन्होंने फेसबुक पर अपनी बात साझा की।
उन्होंने लिखा कि दोस्तों नोटिस के संबंध में मैंने आपसे कहा था कि मैं पूरा सहयोग करूंगा! क्योंकि ज्यों-ज्यों जांच आगे बढ़ेगी, न्यायालय के विभिन्न स्तरों पर तर्क-वितर्क आएंगे, तो जो हमारे ऊपर आरोप लगे हैं और रुभाजपा ने जिस तरीके से उन आरोपों को दुष्प्रचारित किया है, एक भ्रम पैदा किया है। मेरे सार्वजनिक जीवन के हित में है कि वो बातें, पूरी स्थितियां उत्तराखंड और देश के लोगों के सामने स्पष्ट हों। मगर ब्ठप् इतनी जल्दी में है कि आज सुबह जब मैं कुछ दोस्तों को रुईद की मुबारकबाद देने गया था तो उस दौरान मेरे घर पर नोटिस लेकर के पहुंच गए, मैं घर पर था नहीं। फिर मैंने निश्चय किया है कि मैं उनको खुद आमंत्रित करूं कि आएं और चाहें तो आज अर्थात 29 जून को ही मुझे नोटिस सर्व कर दें।श्
बता दें कि हाल ही में कोर्ट ने पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत, पूर्व मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत, कांग्रेस विधायक मदन सिंह बिष्ट और स्टिंग ऑपरेशन से जुड़े निर्दलीय विधायक उमेश कुमार को नोटिस जारी करने के आदेश दिए हैं। सीबीआई ने इन चारों के वॉयस सैंपल लेने की अनुमति के लिए कोर्ट में प्रार्थना पत्र दिया था। जिस पर कोर्ट ने नोटिस जारी करने के आदेश दिए हैं।
वर्ष 2016 में हरीश रावत के मुख्यमंत्री रहते हुए उनका एक स्टिंग करने का दावा उमेश कुमार ने किया था। इसके बाद राज्य की राजनीति में भूचाल आ गया था। इसी दौरान एक और स्टिंग सामने आया था, इसमें विधायक मदन सिंह बिष्ट के होने का दावा किया गया। इसमें डॉ. हरक सिंह रावत के भी शामिल होने का दावा किया गया था। दोनों ही स्टिंग के बारे में उमेश कुमार ने दावा किया था कि हरीश रावत सरकार को बचाने के लिए विधायकों की खरीद-फरोख्त की डीलिंग की जा रही थी। इसमें रुपयों के लेन-देन होने की बात का दावा भी स्टिंग प्रसारण के दौरान किया गया था। बाद में इस पूरे मामले की जांच सीबीआई को दे दी गई थी। स्टिंग में जो आवाजें हैं उनके मिलान के लिए इन चारों ही नेताओं के वॉयस सैंपल लेने की अनुमति सीबीआई ने अदालत से मांगी है।

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