उत्तराखंड देवभूमि में शीतकाल हेतु चतुर्थ केदार रुद्रनाथ के कपाट बंद किए गए थेक्या मान्यता है कि इस बीच भगवान साधना में लीन रहते हैं इस दौरान यहां बिना अनुमति के किसी को भी जाने नहीं दिया जाता है लेकिन इस बार शीतकाल में पर्यटक बनकर कौन आए ? उन्होंने खूबसूरत मंदिर में खूब तोड़फोड़ की 1केदार नाथ के मंदिर धर्मशाला और पुजारी आवास में दरवाजे तक तोड़ दिए गए लेकिन अभी तक आरोपियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई ।
जिससे जनता में काफी आक्रोश देखने को मिल रहा है ।गोपेश्वर में नागरिकों ने मंदिर की सुरक्षा में लापरवाही का आरोप लगाते हुए जुलूस निकालकर जिला अधिकारी कार्यालय का घेराव किया इस घटना के विरोध में बाजार भी बंद कर दिया गया बता दें कि रुद्रनाथ मंदिर गोपेश्वर शहर से 19 किलोमीटर की दूरी पर हैमंदिर के पुजारियों और आम जनता का कहना है कि शीतकाल में मंदिर के गर्भ गृह का दरवाजा तोड़ने की घटना से सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े होना एक स्वाभाविक बात है ।वही इस मुद्दे को लेकर सुबह गोपीनाथ मंदिर में बैठक आयोजित हुई ।बैठक के बाद आक्रोशित नागरिकों ने शहर में जुलूस निकालकर डीएम दफ्तर का घेराव किया प्रदर्शनकारियों ने कहा कि मंदिर में इस प्रकार की घटना पहले भी हो चुकी है आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई न होने से उनके हौसले बुलंद हो रहे हैं और वह इस प्रकार की घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं पुजारियों और आम नागरिकों ने जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंप दिया है ।जिसमें शीतकाल में हुई इस घटना की निष्पक्ष जांच कर तत्काल दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की ।