हिंदुस्तान के अंतिम बॉर्डर पर बसा हिंदुस्तान का अंतिम गांव नीति जहां से कुछ ही दूरी पर छोटा अमरनाथ के दर्शन किए जा सकते हैं, जहां जाने के लिए सड़क से डेट किलोमीटर पैदल चढ़ाई पार करनी होगी। आपको बता दें जोशीमठ से 80 किलोमीटर की दूरी पर बसा बाबा टिंबर सेन महादेव जी जहां पर पहुंचने से मन को शांति प्राप्त होती है, जहां पर पहुंचते ही इंसान की मनोकामना पूर्ण होती है।आपको बता दें यहां पर भी बर्फ से बना शिवलिंग के दर्शन किए जा सकते हैं। बड़ी बात तो यह है कि यहां पर एक शिवलिंग गुफा के अंदर विराजमान है। जिस शिवलिंग को जल चढ़ाने की आवश्यकता नहीं होती है, स्वयं प्रकृति भगवान महादेव को जल चढ़ाती है, खास बात तो यह है कि पहाड़ों से झरने के रूप में सीधा भगवान महादेव के लिंग के ऊपर से जल चढ़ता हुआ दिखाई दे सकता है, बड़ी बात तो यह है कि यहां पर जो भी भक्त पहुंचता है उसे स्नान करने की जरूरत भी नहीं होती है, उसका स्नान भी स्वयं इस गुफा के अंदर जाते ही प्रकृति कर देती है। आश्चर्य की बात यह है कि जब इस गुफा के अंदर कोई भी विराजमान होता है उसके पहने हुए सारे कपड़े पूरी तरह से भीग जाते हैं, जैसे ही गुफा से बाहर निकलता है।
भक्त कुछ समय पश्चात भक्तों के पहने हुए कपड़े कुछ ही सेकंड में स्वयं सूख जाते हैं, बड़ा ही अद्भुत करिश्मा देखा जा सकता है टिंबर सेन महादेव में, बता दें कि गुफा के कुछ ही दूरी पर दूध की गंगा बहती हुई दिखाई दे सकती है, जी हां आप तस्वीरों में देख सकते हैं किस प्रकार पहाड़ों से नदी बह रही है जिसका रंग शुद्ध दूध की तरह है। मानो ऐसा लगता है कोई इंसान नदी में दूध बहा रहा हो, खास बात तो यह है कि सावन के महीने में एवं महाशिवरात्रि के वक्त यहां पर भक्तों की काफी भीड़ भाड़ देखी जाती है, बता दें कि 12 महीने इस गुफा के दर्शन किए जा सकते हैं, यहां पर आज भी ऊंची पहाड़ियों पर बर्फ जमी हुई दिखाई दे सकती है, शायद ही ही हिंदुस्तान में ऐसी जगह कहीं और देखने को मिल सकती है, भक्त बाबा टिंबर सेंड महादेव को छोटा अमरनाथ के नाम से पुकारते हैं। आपको बता दें यहां पर गुफा के अंदर महादेव के लिंग के ठीक ऊपरी तरफ एक चट्टान पर सिक्का चिपकाने का एक रहस्य भी यहां पर देखा जा सकता है, कहते हैं कि जिसके मन में अच्छी श्रद्धा हो उसी का सिक्का इस गुफा के ठीक ऊपरी तरफ चिपक जाता है, अन्यथा नहीं।