उत्तराखंड के जिला उत्तरकाशी में आसमान से बरसी आफत की बारिश ने तबाही मचा दी । रविवार की रात निरकोट और कंकराणी इलाके में बादल फटा। निराकोट क्षेत्र से जलजला मांडो गांव तक पहुंचा, जहां तीन जिंदगियां दफन हो गईं। एसडीआरएफ और पुलिस की खोज बचाव टीम ने सोमवार तड़के उनके शव को बरामद किया हैं। वहीं, कंकराड़ी में एक व्यक्ति के लापता होने की सूचना मिली है। फिलहाल, जनपद में राहत-बचाव कार्य चल रहा है।
उत्तरकाशी के लोगों के लिए बीती रात बहुत कठिनाइयों से गुजरी। दो स्थानों पर बादल फटने से जान-माल का नुकसान हुआ है । बादल फटने के पश्चात मांडो गांव की तरफ आए जलजले से बचने के चलते घर से बाहर भागती तीन वर्षीय मासूम बच्ची समेत एक परिवार के तीन लोग मलबे की चपेट में आ गए। मलबे में दबने से माधुरी पत्नी देवानन्द, 42 वर्ष, रीतू पत्नी दीपक 38 वर्ष, ईशू पुत्री दीपक तीन वर्ष की मौत हो गई।वहीं, कंकराड़ी इलाके में एनडीआरएफ ने मोर्चा संभाला है। कंकराड़ी इलाके में दो मकान ध्वस्त होने और एक व्यक्ति के लापता होने की सूचना प्राप्त हुई है। एनडीआरएफ की टीम रविवार की रात करीब एक बजे कंकराड़ी क्षेत्र में पहुंच गई थी,परन्तु रात्रि के वक्त तेज बारिश के दौरान पहाड़ी ग्रामीण इलाके में खोज बीन तथा बचाव कार्य करने में खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ा।कंकराड़ी, मुस्टिकसौड़, मानपुर इलाके में रविवार की रात से बिजली की भी आपूर्ति ठप है। इसके साथ ही संचार सेवा भी बंद पड़ी हुई है। गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग नेताला, सुनगर, रतूड़ी सेरा सहित कई जगहों पर बधित है, जबकि यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग डाबरकोट, धरासू बैंड, कुथनौर के पास भूस्खलन होने से बंद है।
जनपद में 40 से अधिक गांवों में बिजली आपूर्ति ठप पड़ी है। तथा 100 से भी अधिक गांवों को जोड़ने वाले 20 से ज्यादा संपर्क मार्ग भी बाधित हो गए हैं। अभी बारिश निरंतर जारी है। उत्तरकाशी नगर क्षेत्र के कालेश्वर मार्ग की कालानी में कई घरों में जलभराव हो गया है । जिससे घर के सामान को काफी नुकसान पहुंचा है।