हल्द्वानी। भाकपा-माले पुरानी पेंशन स्कीम लागू करने की मांग पर दिल्ली के रामलीला मैदान में एक अक्टूबर को आयोजित देशभर के कर्मचारियों की रैली को समर्थन देगी। माले के जिला सचिव कैलाश पांडे ने प्रेस को जारी बयान में कहा कि निजीकरण, कारपोरेटीकरण, छंटनी और न्यू पेंशन स्कीम के जरिये देश के कर्मचारियों पर किए जा रहे सत्ता के हमलों का भाकपा माले डटकर विरोध करेगी। उन्होंने कहा कि भाजपा जब भी सत्ता में आती है, कर्मचारी विरोधी, किसान-मजदूर विरोधी फैसले लेती है।
भाजपा की सरकार ने पहले कर्मचारियों की पुरानी पेंशन स्कीम खत्म कर उनके भविष्य को असुरक्षित बनाया और आज उसी परंपरा को आगे बढ़ाते हुए मोदी सरकार एक तरफ सरकारी व सार्वजनिक संस्थानों व संपत्तियों को कौड़ी के भाव अपने चहेते कारपोरेट को लुटा रही है, दूसरी ओर श्रम कानून खत्म कर चार श्रम कोड लाकर यूनियन बनाने और अपनी वाजिब मांगों के लिए हड़ताल करने पर भी रोक लगाने की कोशिश कर रही है। सरकार काम के घंटे 8 से बढ़ाकर 12 करने का प्रस्ताव ले आई है। साथ ही खेती, अन्न के भंडारण और खुदरा बाजार पर भी कारपोरेट कम्पनियों का कब्जा कराती जा रही है।
ऐसी स्थिति में कर्मचारियों, मजदूरों, किसानों की व्यापक एकता आज भारत की सबसे बड़ी जरूरत है। इस एकता और संघर्ष के बल पर ही अब देश को एक नए रास्ते पर ले जाया जा सकता है। माले नेता ने कहा कि, आगामी 5 राज्यों के चुनाव और 2024 का लोकसभा चुनाव सामने है। इसलिए इस कर्मचारी, किसान, मजदूर विरोधी भाजपा सरकार से आगामी चुनावों में बदला लेने का संकल्प दिल्ली की एक अक्टूबर की ओपीएस रैली से पूरे देश के कर्मचारियों को लेना चाहिए।