देवभूमि उत्तराखंड यूनिवर्सिटी में चल रहे ‘नवधारा’ नेशनल टेक्नो फेस्ट एंड हायर एजुकेशन कॉन्क्लेव का समापन हो गया, जिसमें देवभूमि उत्तराखंड यूनिवर्सिटी की टीम ने वर्किंग मॉडल्स प्रतियोगिता में सभी टीमों को पछाड़ते हुए पहला स्थान हासिल किया, जबकि यूपीईएस दूसरे और तीसरे पायदान पर पुनः डीबीयूयू की टीम रही। वहीं, इस मौके पर विशेषज्ञों ने उच्च शिक्षा से जुड़े विभिन्न विषयों पर मंथन कर चुनौतियों से निपटने के रास्ते भी तलाशे।
मांडूवाला स्थित देवभूमि उत्तराखंड यूनिवर्सिटी में चल रहे दो दिवसीय नवधारा नेशनल टेक्नो फेस्ट एंड हायर एजुकेशन कॉन्क्लेव का मंगलवार को समापन हो गया। दो दिन तक चले नवधारा टेक्नो फेस्ट में देशभर की लगभग 100 से अधिक टीमों ने अपने हुनर का प्रदर्शन करते हुए वर्किंग मॉडल्स प्रदर्शित किये। इसके अलावा विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, कृषि, स्वास्थ्य क्षेत्र के अंतर्गत टेक्निकल कॉम्पटीशन का भी आयोजन किया गया, जिसमें छात्रों ने अपनी वैज्ञानिक कुशलता का बेहतरीन नमूना पेश किया। टेक्नो फेस्ट के अंत में विजेताओं की घोषणा की गयी, जिसमें पांच लाख रुपये की धनराशि पुरस्कार स्वरुप प्रदान की गयी। इस दौरान देवभूमि उत्तराखंड यूनिवर्सिटी की टीम ने प्रिया झा के नेतृत्व में अपने वर्किंग मॉडल से सभी का दिल जीतते हुए प्रथम स्थान हासिल कर डेढ़ लाख रुपये की पुरस्कार राशि अपने नाम की। वहीं, दूसरे स्थान पर रही यूपीईएस टीम, जिसने कृष्णा के नेतृत्व में एक लाख रुपये जीते और तीसरे स्थान पर काबिज़ देवभूमि उत्तराखंड यूनिवर्सिटी टीम को आयुष कोठरी के नेतृत्व में पचास हज़ार रुपये प्रदान किये गए। वहीं, दस विभिन्न श्रेणियों में प्रत्येक विजेता को 20 -20 हज़ार रुपये की इनामी राशि से नवाज़ा गया। मुख्य अतिथि सचिव उद्योग, खनन और आयुष आईएएस डॉ पंकज कुमार पांडेय ने छात्रों के प्रयास की सराहने करते हुए विजेता टीमों को सम्मानित किया। इस अवसर पर देवभूमि उत्तराखंड यूनिवर्सिटी के कुलाधिपति श्री संजय बंसल ने छात्रों के बेहतर भविष्य की कामना की। वहीं, हायर एजुकेशन कॉन्क्लेव में विभिन्न विषयों पर विचार मंथन किया गया। उच्च शिक्षा में वैश्वीकरण पर बोलते हुए डीआईटी यूनिवर्सिटी के उपकुलपति प्रोफ़ेसर डॉ प्रियदर्शन पात्रा और आईएचसीएल सेलेक्शंस के महाप्रबंधक विकास नागर ने कहा कि विश्व पटल पर सांस्कृतिक विविधता, पाठ्यक्रमों का अंतर्राष्ट्रीयकरण, व्यापक शोध कार्य जैसे बड़े बदलाव छात्रों को एक सुनहरा अवसर प्रदान करते हैं, लेकिन हमें अंतर्राष्ट्रीय मानकों पर खरा उतरने के कड़े प्रयास करने होंगे। वहीं, आईएमएस यूनिसन यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रोफ़ेसर डॉ अनिल सुब्बाराव और हीरो मोटो कॉर्प के मैन्युफैक्चरिंग हेड सुनील कुमार ने रोज़गारपरक शिक्षा पर ज़ोर दिया। आईआईटी रुड़की के विशेषज्ञ प्रोफ़ेसर डॉ इंदरदीप सिंह ने स्कूली शिक्षा से उच्च शिक्षा में होते बदलाव पर पेश आने वाली दिक्कतों पर चर्चा की। इस मौके पर कर्नल राहुल अग्रवाल, डॉ बीएम सिंह, मनोज कुमार, डॉ प्रणवीर सिंह, रवि रौतेला, डॉ श्रीहरि होनवाद, रश्मि सिंह जैसे जाने माने शिक्षा विशेषज्ञों सहित डीबीयूयू उपकुलाधिपति श्री अमन बंसल, कुलपति प्रोफ़ेसर डॉ प्रीति कोठियाल, उपकुलपति डॉ आरके त्रिपाठी, डीएए डॉ संदीप शर्मा, मुख्य सलाहकार डॉ एके जायसवाल सहित विभिन्न गणमान्य व्यक्ति शिक्षक व छात्र उपस्थित थे।