आज हम बात करते हैं प्राचीन शिव मंदिर सिद्धपीठ श्री सिद्धेश्वर महादेव मंदिर की। यह मंदिर राजधानी देहरादून के वन अनुसंधान संस्थान (एफ आर आई )में स्थित है।
मान्यता है कि यह सिद्ध पीठ जोकि अपने आप में एक स्वयंभू है। यहां पर भगवान शंकर अपने आप रूप शिवलिंग में समाहित है, सिद्धेश्वर महादेव की कृपा सदैव अपने भक्तों पर रहती है। जो भी भक्त जिस भाव से भगवान को भजता है, भगवान सिद्धेश्वर महादेव उसे उसी फल स्वरुप मनोकामना पूर्ण करते हैं। श्रावण मास सक्रांति से मानने वालों का आज तीसरा सोमवार एवं पूर्णिमा से श्रावण मास को मनाने वालों का आज दूसरा सोमवार है। पूर्व की भांति श्री सिद्धेश्वर महादेव मंदिर एफ आर आई में आज भी श्रद्धालुओं का तांता लगा हुआ था।भक्तों ने शिव लिंग पर जल अभिषेक भी किया और मंदिर परिसर में महिलाओं के द्वारा दिन भर भजन कीर्तन होते रहे ।मंदिर के पुजारी आचार्य सुनील नौटियाल का कहना है शिवलिंग पर प्रत्येक दिन जल चढ़ाना चाहिए।
यदि आप रोजाना शिवलिंग पर जल चढ़ाने के लिए जाते हो तो आपका मन ही शांत नहीं होता है वरन विचारों की मलिनता भी दूर होती है । मन के अंदर जो खराब चीजें मौजूद होती हैं वे धीरे धीरे करके नष्ट होने लग जाती हैं और उसके स्थान पर अच्छे और पवित्र विचार आने लग जाते हैं।
यदि आप चाहते हैं कि आपके विचारों की गदंगी दूर हो जाए तो शिवलिंग पर रोजाना एक लौटा जल सुबह सुबह अवश्य चढ़ाएं ।उन्होंने बताया की शिव भगवन को सावन माह अति प्रिय है और इस माह शिव की आराधना व जल अभिषेक करने मात्र से शिव प्रसन्न होते है।