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देहरादून : दिव्या खिलाड़ियों के परिजनों ने की प्रेस वार्ता , बोले खिलाड़ियों से ऐसा क्रूर मजाक ना करें

देहरादून : दिव्या खिलाड़ियों के  परिजनों ने की प्रेस वार्ता , बोले खिलाड़ियों से ऐसा क्रूर मजाक ना करें

आज 31 अगस्त बुधवार को राजधानी देहरादून के प्रेस क्लब में एक प्रेस वार्ता का आयोजन किया गया जिसमें दिव्या खिलाड़ियों को लेकर उनके परिजनों ने पत्रकारों से बातचीत की गई |

फरवरी 2022 में राष्ट्रीय स्तर पर 24 डेफओलंपिक खेलों में शूटिंग की ट्रायल दिल्ली में संपन्न हुए थी ।

जिसमें उत्तराखंड राज्य से ही खिलाड़ी शौर्य सैनी 10 मीटर एयर राइफल एवं अभिनव देशवाल 10 मीटर एयर पिस्टल के लिए चयनित होते हैं ।

 

पुरानी राइफल होने के कारण हमने अपग्रेड राइफल के लिए राज्य सरकार को तत्काल पत्र लिखा परंतु राज्य सरकार ने कोई जवाब नहीं दिया रुड़की विधायक से संपर्क किया , लेकिन उनके पत्र का भी राज्य सरकार ने कोई जवाब नहीं दिया लेकिन 7 मई 2022 को जैसे ही शौर्य सैनी (shourya saini )देश के लिए पदक लाते हैं खेल निदेशालय हरकत में आता है ।

10 मई को हमें पत्र के माध्यम से कंडीशन लगाकर सूचित करते हैं 27 मई 2022 को विधायक रुड़की पत्र के माध्यम से मुख्यमंत्री जी को खिलाड़ियों को प्रोत्साहित करने के लिए अनुरोध करते हैं हमें मुख्यमंत्री जी बुलाते हैं और हम लोग मुख्यमंत्री जी से सम्मान राशि की मांग करते हैं मुख्यमंत्री जी हमें आश्वासन देकर विदा कर देते है ।

 

1 जुलाई 2022 को हम खेल मंत्री रेखा आर्य जी से मिलते हैं एवं सम्मान राशि के लिए अनुरोध करते हैं। एवं 2024 ओलंपिक की तैयारी के लिए भी वित्तीय सहायता की मांग करते हैं जिस पर खेल मंत्री तत्काल हमारे प्रार्थना पत्र पर खेल सचिव को नियमानुसार कार्यवाही करने को कहते हैं खेल सचिव श्री अभिनव कुमार हमे आश्वासन देकर खेल निदेशक से मिलने को कहते हैं खेल निदेशक हमें आज तक हमे कार्रवाई प्रोसेस में होने का जवाब देकर डालते रहते हैं निराश होकर 11 जुलाई को प्रधानमंत्री जी को पत्र के माध्यम से इस विषय से अवगत कराया जाता है प्रधानमंत्री कार्यालय ने राज्य सरकार से जवाब मांगा तो खेल निदेशक ने कार्रवाई गतिमान होने का जवाब देकर एक बार फिर से वही किया जो करना चाहते है 22 अगस्त को पुनः एक बार फिर प्रधानमंत्री कार्यालय को पुराने पत्र के जवाब का हवाला देते हुए सम्मान राशि दिलाने का अनुरोध किया परंतु अभी तक कोई जवाब नहीं मिला इतना सब कुछ होने के बाद भी दोनों खिलाड़ी 3 महीने से लगातार खेल निदेशालय एवं मंत्री महोदय के चक्कर लगाते हुए अपने खेल पर फोकस नहीं कर पा रहे हैं जिस कारण आने वाले अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं की तैयारी बाधित हो रही है क्या सरकार चाहती है कि खिलाड़ी देश के लिए पदक ना लाये फिर इतनी लंबी चौड़ी खेल नीति का क्या मतलब क्या यह मात्र दिखावा है।

 

जब किसी ओलंपिक पदक विजेता को सम्मान राशि ही नहीं दी जा रही तो निचले स्तर के खिलाड़ियो पर इसका क्या असर होगा समझा जा सकता है अतः सभी मीडिया के साथियों के माध्यम से सरकार से एक बार फिर पुनः अनुरोध करते हैं कि हमारी बात को गंभीरता से लेते हुए भविष्य में भारत के कई सारे और पदक लाने की संभावना वाले खिलाड़ियों से ऐसा क्रूर मजाक ना करें वह भी विकलांग खिलाड़ियों के साथ |सभी मीडिया के साथियों के माध्यम से सरकार से एक बार फिर पुनः अनुरोध करते हैं ।

 

 

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