उत्तराखंड के टीईटी-1 उत्तीर्ण उम्मीदवारों ने प्राथमिक विशेष शिक्षक भर्ती 2023 की प्रक्रिया को नियमों और न्यायिक आदेशों के अनुसार शीघ्र पूरा करने की अपील की है। एक ज्ञापन के माध्यम से, उन्होंने प्राथमिक शिक्षा निदेशक से आग्रह किया कि भर्ती प्रक्रिया को विज्ञापन में उल्लिखित दिशा-निर्देशों और माननीय न्यायालय के आदेशों के अनुसार संपन्न किया जाए. इस मोके पर पीयूष चिलवाल, गौरव,रोहित बबीता , वंदना,कौशल, दीप गोस्वामी,रवि बृजेश कुमार आदि शामिल थे
उम्मीदवारों की मुख्य मांगें:
1. भर्ती प्रक्रिया को विज्ञापन में उल्लिखित शर्तों के अनुसार पूरा किया जाए।
2. टीईटी-1 उत्तीर्ण सभी योग्य उम्मीदवारों को शीघ्र नियुक्ति पत्र जारी किए जाएं।
3. भर्ती प्रक्रिया पारदर्शिता और निष्पक्षता के साथ संपन्न हो।
यह ज्ञातव्य है कि माननीय उच्च न्यायालय ने किरन बनाम उत्तराखंड सरकार (WPSB No. 316 of 2023) मामले में स्पष्ट किया है कि टीईटी-1 उत्तीर्ण करना प्राथमिक शिक्षक पद के लिए अनिवार्य पात्रता है। इसी प्रकार, माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने तेज प्रकाश पाठक बनाम राजस्थान उच्च न्यायालय (Civil Appeal No. 2634 of 2013) के निर्णय में भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता और निष्पक्षता सुनिश्चित करने के महत्व पर जोर दिया है।
हालांकि राज्य सरकार ने यह कहा था कि टीईटी-1 परीक्षा का आयोजन किया गया है और परिणाम घोषित किए गए हैं, उम्मीदवारों का कहना है कि विभाग द्वारा अभी तक अंतिम चरण में नियुक्ति पत्र जारी नहीं किए गए हैं। इस देरी के कारण योग्य उम्मीदवारों में असंतोष और अनिश्चितता बढ़ रही है।
उम्मीदवारों का कहना है:
“हमने अपनी पात्रता पूरी कर ली है और न्यायालय के निर्देशों के अनुसार हमारी नियुक्ति होनी चाहिए। विभाग द्वारा किसी भी तरह की देरी न केवल हमारी आजीविका को प्रभावित करती है बल्कि राज्य में विशेष आवश्यकता वाले बच्चों के शिक्षा अधिकार को भी बाधित करती है।”
उम्मीदवारों ने सरकार से अनुरोध किया है कि भर्ती प्रक्रिया को समयबद्ध और निष्पक्ष तरीके से पूरा किया जाए और योग्य उम्मीदवारों को नियुक्ति पत्र शीघ्र प्रदान किए जाएं, जिससे विशेष आवश्यकता वाले बच्चों को प्रशिक्षित शिक्षक उपलब्ध हो सकें।