प्रदेश के पेयजल मंत्री बिशन सिंह चुफाल द्वारा पेयजल विभाग की विधानसभा कार्यालय कक्ष में विभागीय अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक में पेयजल व्यवस्था को दुरूस्त करने का निर्देश दिया। उन्होने कहा विभिन्न एजेन्सियों द्वारा किये जाने वाले कार्य में समन्वय स्थापित किया जाए। पेयजल योजना से सम्बन्धित कार्य जल निगम, ए0डी0बी0, अमृत योजना की एजेन्सी द्वारा कार्य चलाने पर आपसी दोषारोपण से बचने के लिए बैठक बुला कर एक कार्यादायी एजेन्सी बनाने का निर्देश दिया। विभिन्न कार्यादायी एजेन्सी द्वारा कार्य करने के कारण योजना के क्रियान्वयन में समस्या आ रही थी।
2008 में जिन्दल कम्पनी द्वारा पेयजल के लिए 3000 करोड की परियोजना पूर्ण की जानी थी किन्तु केवल 1000 हजार करोड रूपये का 33 प्रतिशत, कार्य पूर्ण करने के बाद 2017 में यह कम्पनी कार्य छोड कर चली गई। उत्तराखण्ड के 31 शहरों का चयन करने के बाद केवल 05 शहरों में कार्य किया गया। रूडकी, देहरादून, नैनीताल, रामनगर हल्द्वानी में इस परियोजना की प्रगति अत्यन्त असन्तोषजनक रही। अपूर्ण कार्य को ए0डी0बी0 द्वारा पूर्ण किया जायेगा।
देहरादून जनपद में 217 किलो मीटर पाईप लाईन बिछानी थी, किन्तु अभी तक 15 करोड की लागत से 47 किलो मीटर पाईप लाईन का कार्य अपूर्ण है। इस सम्बन्ध में निर्देश दिया गया कि अगले माह तक ए0डी0बी0 अपूर्ण कार्य का टेण्डर कराकर अगले वर्ष तक कार्य पूर्ण कर लिया जाय। नैनीताल और रामनगर मे पाईप लाईन का कार्य लगभग 90 प्रतिशत तक पूर्ण हो चुका है, लेकिन हल्द्वानी में कार्य असन्तोषजनक है।
इस अवसर प्रमुख सचिव नितेश झा, प्रबन्ध निदेशक उदयराज, महाप्रबन्धक एस.के.शर्मा, सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे।