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Thursday, September 19, 2024

उत्तराखंड में भी कयर बाजार एवं कयर उद्योग का विस्तार

  • भारत सरकार द्वारा देश में कयर उद्योग के समग्र एवं सतत विकास के लिए कयर उद्योग अधिनियम, 1953 के तहत कयर बोर्ड की स्थापना की गई थी। अधिनियम के तहत निर्धारित बोर्ड के कार्यों में वैज्ञानिक, तकनीकी और आर्थिक अनुसंधान, आधुनिकीकरण, गुणवत्ता सुधार, मानव संसाधन विकास, बाजार संवर्धन और इस उद्योग में लगे सभी लोगों के कल्याण को शामिल करना, सहायता करना और प्रोत्साहित करना शामिल है। बोर्ड का मुख्यालय कयर हाउस, एम.जी. रोड, कोच्चि, केरल और देश भर में 29 मार्केटिंग आउटलेट सहित 48 प्रतिष्ठान चला रहा है। पिछले 60 से अधिक वर्षों से कयर बोर्ड उद्योग का संचालन कर रहा है और यह उद्योग आज देश के ग्रामीण क्षेत्रों के आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। कयर उद्योग केरल राज्य में केंद्रित था, जो अब बोर्ड द्वारा किए गए प्रयासों से देश के अन्य हिस्सों में भी फैल गया है।
    कयर उद्योग अधिनियम के तहत अनिवार्य कार्यों को कयर बोर्ड द्वारा विभिन्न योजनाओं/कार्यक्रमों के तहत किया जाता है, जिसमें अनुसंधान और विकास गतिविधियां, प्रशिक्षण कार्यक्रम, कॉयर इकाइयों की स्थापना के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करना, घरेलू और निर्यात बाजार विकास, कल्याणकारी उपाय शामिल हैं।
    • कयर उद्योग देश के विभन्न राज्यों में 7 लाख से अधिक कयर कामगारों, मुख्य रूप से महिलाओं का भरण-पोषण करता है।
    • यह अनुमान है कि उद्योग में लगभग 80% कार्यबल महिलाएं हैं और यह देश के कई तटीय जिलों के ग्रामीण महिला सशक्तिकरण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
    • देश में कयर के 1570 पंजीकृत निर्यातक हैं।
    • पीएमईजीपी (प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम) के तहत देश के विभिन्न राज्यों में कयर इकाइयां शुरू की गई हैं।
    • कयर उत्पाद प्राकृतिक एवं पर्यावरण के अनुकूल हैं और इसलिए पर्यावरण और वन मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा “इको मार्क” प्रमाणन प्राप्त किया है। और ये कयर उत्पाद:
    १. पर्यावरण को बचाते हैं और ग्लोबल वार्मिंग को उलटने में मदद करते हैं।
    २. कयर उत्पाद इको फ्रेंडली, पर्यावरण अनुकूल, बायो डिग्रेडेबल तथा सस्ते और टिकाऊ होते है.
    ३. “कयर जियोटेक्सटाइल्स” का उपयोग भूमि के कटाव एवं सड़क निर्माण में किया जाता है.
    ४. “कयर वुड” पेड़ों और जंगल को बचाने के लिए प्रयोग किया जाता है.
    ५. “कयर पीथ” का प्रयोग करने से जल संरक्षण में मदद मिलती है एवं पानी की बचत होती है.
    • बोर्ड के अनुसंधान संस्थान द्वारा कताई और उत्पाद विविधीकरण के क्षेत्र में विभिन्न सीएसआईआर इकाइयों और विश्वविद्यालयों के साथ कयर में नई अनुसंधान एवं विकास परियोजनाएं शुरू कर रहे हैं।
    • कयर बोर्ड ने उत्पाद विकास और विविधीकरण गतिविधियों की एक श्रृंखला को आगे बढ़ाया है जिससे उपभोक्ता की जरूरतों को पूरा करने के लिए कई मूल्य वर्धित उत्पादों को लॉन्च करने में मदद मिली है। मिट्टी के कटाव को रोकने के लिए कयर जियोटेक्सटाइल्स के उपयोग, कयर पिथ को एक मूल्यवान जैव-उर्वरक और मिट्टी कंडीशनर में बदलने और कयर गार्डन लेखों जैसे कयर के नए तकनिकी उपयोग ने भारत और विदेशों में लोकप्रियता हासिल की है। पर्यावरण के अनुकूल उत्पादों के प्रति बढ़ती आत्मीयता ने घरेलू और साथ ही विदेशी बाजार में कयर और कयर उत्पादों की माँग बढ़ाई है, जिससे वर्ष २०२०-२०२१ में कोविड-१९ के दौरान भारत से कयर उत्पादों के निर्यात ने पिछले वर्ष की तुलना में १०२१ करोड़ रूपए से अधिक की वृद्धि ३७७८.९८ करोड़ रूपए का निर्यात कर उच्च रिकॉर्ड दर्ज किया है.
    उत्तराखंड में कयर बोर्ड की उपस्थिति।
    उत्तराखंड की भौगोलिक परिस्थितियों एवं तदनुसार रोजगार सृजन के अवसरों में वृद्धि एवं बाजार की संभावनाओं को द्रष्टिगत रखते हुए बोर्ड ने उत्तराखंड में भी शोरूम एवं बिक्रिकेन्द्र खोला है, जिसके माध्यम से सम्पूर्ण राज्य में नारियल के रेशों से बनने वाले उत्पादों (कयर उत्पाद) की जानकारी एवं कयर उद्योग से जुडी हुई कयर योजनाओँ से आम जनमानस को जोड़ा जा रहा है ताकि राज्य में कयर बाजार संवर्धन के साथ साथ रोजगार के अवसर उप्लब्ध हो सके, चूँकि एम एस एम इ सेक्टर में रोजगार के अवसर पैदा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते है और देश के सामाजिक-आर्थिक विकास में बहुत योगदान करते हैं।
    इसी श्रृंखला को आगे बढ़ाते हुए एवं भारत के माननीय प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के vkTTwण के अनुसार और माननीय एमएसएमई मंत्री, श्री नारायण राणेजी और माननीय एमएसएमई राज्य मंत्री श्री भानु प्रताप सिंह वर्माजी के कुशल निर्देशन में बोर्ड द्वारा उत्तराखंड में भी गैर पारम्परिक क्षेत्र में भी कयर उद्योग को विकसित करने एवं कयर उत्पादों के बाजार संवर्धन की पहल देहरादून में होटल पैसिफिक में आयोजित प्रदर्शनी “राइज इन उत्तराखंड-२०२२” में कयर उत्पादों की प्रदर्शनी लगाई गई है, जहा पर उत्कर्ष कयर उत्पाद उचित मूल्यों पर बेचे जा रहे है. जो की ०७ जुलाई से ०९ जुलाई २०२२ तक चलेगी। माननीय मुख्यमंत्री जी सिंह धामी जी को स्मृति चिन्ह भेंट किया गया साथ ही कयर बोर्ड के मैनेजर रज्जन लाल तिवारी जी के द्वारा नारियल से बनी गणेश मूर्ति सप्रेम भेंट की गई साथ ही मौजूद शुशील भट्ट जी, राधे श्याम जी, अंकित शुक्ला जी, एग्जिबिशन में लोगो के द्वारा कयर बोर्ड की काफी सराहना की जा रही है

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