हर साल की भांति इस साल भी लाता गांव में मां नंदा के मंदिर में मेले का आयोजन किया जा रहा है, जी हां आपने सही सुना हर साल की भांति इस साल भी लाता गांव में मेले का आयोजन किया जा रहा है, जो मेला हर प्रतिवर्ष इसी महीने से शुरू किया जाता है और अंत में दो गते वैशाख यानी कि 14 या -15 अप्रैल तक एक भव्य मेले के रूप में इस मेले को संपन्न किया जाता है, आपको बता दें कि यह मेला 25 मार्च से शुरू हो चुका है और आजकल लगातार रात्रि के वक्त देवी जागर के साथ इस मेले का शुभारंभ किया जा रहा है, जिसमें रोजाना सुबह शाम के वक्त मां नंदा की विशेष पूजा अनुष्ठान किया जाता है और मां नंदा को प्रसन्न किया जाता है और रात भर देवी जागर लगाया जाता है।आप तस्वीरों में देख सकते हैं कि किस तरह से लाता गांव में मां नंदा भगवती का मेले का शुभारंभ हो चुका है और स्थानीय ग्रामीण मां नंदा को प्रसन्न करते हुए देखे जा रहे हैं।
आप तस्वीरों में देख सकते हैं की किस तरह से स्थानीय ग्रामीण अपने इष्ट देवी मां नंदा की डोली को ढोल दमोह के धुनोंa पर नृत्य करवा रहे हैं।हालांकि यह परंपरा वर्षों से इस गांव में चली आ रही है, जिस मेले को देखने के लिए आजकल तमाम सीमांत घाटी के लोग मौजूद रहते हैं।
आपको बताते चलें कि सीमांत घाटी का एकमात्र मंदिर जाना जाता है जो मंदिर मां नंदा के नाम से मशहूर है जोकि लाता गांव में विद्यमान है, जिस लाता गांव में अधिकांश भोटिया जनजाति के लोग निवास करते हैं।काफी चमत्कारी मंदिर माना जाता है मां नंदा का इस मंदिर में भक्तों की मनोकामना पूरी होती है। इसलिए यह मंदिर सीमांत घाटी का प्रसिद्ध मंदिर माना जाता है।